योगी- केशव के विवादित पोस्टर लगाने के आरोप में कांग्रेस के दो कार्यकर्ता गिरफ्तार,
पुलिस ने खुद दर्ज की थी एफआईआर
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा के आरोपियों से वसूली वाले पोस्टर के जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बैनर लगाने के आरोप में लखनऊ पुलिस ने कांग्रेस के दो कार्यकर्ताओं सुधांशु बाजपेई व अश्वनी कुमार कोगिरफ्तार किया है।इनके खिलाफ हजरतगंज और हसनगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज है। मामले में एक अन्य आरोपी लालू कनौजिया अभी फरार है।
कांग्रेस ने लखनऊ में लगवाए योगी और केशव मौर्य के पोस्टर, लिखा- इन दंगाइयों से कब होगी वसूली
विवादित बैनर-पोस्टर लगाने के मामले में पुलिस ने खुद कांग्रेस कार्यकर्ता सुधांशु बाजपेई, अश्वनी कुमार व
लालू कनौजिया पर केस दर्ज किया था। आरोप है कि, भाजपा मुख्यालय, हजरतगंज चौराहा, लखनऊ यूनिवर्सिटी में जो पोस्टर लगाए गए, उनमें राधा मोहन दास अग्रवाल, संगीत सोम, संजीव बालियान, उमेश मलिक, सुरेश राणा और साध्वी प्रज्ञा की फोटो भी लगाई गई। पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस मालिक व अन्य लोगों पर भी एफआईआर दर्ज की है।
सपा नेता ने लगवाए थे चिन्मयानंद और कुलदीप सेंगर के पोस्टर
गुरुवार रात सपा नेता आईपी सिंह ने दुष्कर्म मामले में दोषी भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और एक अन्य यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद की फोटो वाले बैनर लगवाए हैं। ये बैनर योगी सरकार द्वारा लगवाए गए वसूली वाले बैनर-पोस्टर के बगल में लगे हैं। हालांकि, पुलिस ने शक्रवार सुबह तक सभी बैनर पोस्टरों को हटा दिया।
हाईकोर्ट ने 16 मार्च तक बैनर-पोस्टर हटाने का निर्देश दिया था
19 दिसंबर, 2019 को लखनऊ में हुई हिंसा में पुलिस ने 57 लोगों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोपी बनाया था। इन लोगों के फोटो, नाम और पते के होर्डिंग सार्वजनिक जगहों पर लगाए थे। इसमें इन लोगों से 88 लाख 62 हजार 537 रुपए के नुकसान की भरपाई कराने की बात कही गई थी। मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आरोपियों के बैनर-पोस्टर 16 मार्च से पहले हटाने का आदेश दिया था।हाईकोर्ट के आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पोस्टर के हटाने के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा था कि किस कानून के तहत आरोपियों के होर्डिंग्स लगाए गए? अब तक ऐसा कोई प्रावधान नहीं, जो इसकी इजाजत देता हो। इस मामले में अगले हफ्ते नई बेंच सुनवाई करेगी।source https://www.bhaskar.com
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