नेहरू की बड़ी-बड़ी भूलें [Blunders of Nehru]
पंडित नेहरू द्वारा की गयी जिन महान गलतियों के कारण आज तक और
अभी भी भारत और उसके लोग इसके परिणामों को झेल रहे हैं I उनके बारे में प्रकाश डालूँगा I
समाजवाद को अपनाना ही सबसे बड़ी भूल थी I विभाजन के बाद पूंजीवाद भारत राष्ट्र के ढांचे के लिए अधिक उपयुक्त था I पहले प्रधानमंत्री के रूप में इसके लिए एक ढांचा तैयार करने के लिए तथा भारत के समृद्ध संसाधनों का लाभ उठाने के लिए और भारत के लिए सबसे उपयुक्त अर्थव्यवस्था है I
एक मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था जो एक एसी अर्थव्यवस्था है जो बाजार द्वारा ही शासित होता है और सरकार द्वारा नहीं I सरकार के लिए यह सबसे उपयुक्त व्यवस्था थी I
भारत के लिए अर्थव्यवस्था पर विचार के रूप में वास्तव में नेहरु को कोई पूर्व ज्ञान नहीं था I अंग्रेजों को धन्यवाद I भारत एक अद्वितीय राज्यों के समूह से बना है I
अपनी अनूठी विशेषताओं के साथ इतनी अनुमति बाजार को अपने आप में ही शासन करने के लिए अनोखा तरीका सबसे अच्छा होता I संभव समाधान यह था कि भारत के संयुक्त राज्य अमेरिका तथा अन्य यूरोपीय देशों के साथ मुक्त और खुली अर्थव्यवस्था होनी चाहिए थी I
यही इसका उपयुक्त समाधान होता I लेकिन नेहरू पूंजीवाद के खिलाफ थे उन्होंने सोचा था कि पूंजीवाद होगा तो लोग स्वार्थी बनंगे I और इस तरह से नेहरु के अंदर समाजवाद का पक्ष हावी था I
स्वयं नेहरू एक अजीब आदमी था जिस पर उसे गर्व था I उसको भारतीय संस्कृति के बजाय अंग्रेजी जीवन शैली पसंद थी और इसी को वो जीता था I
अंग्रेजों ने एक शक्तिशाली भारत का सपना देखा और एक प्रणाली तैयार की I लेकिन नेहरु ने इसका बिरोध किया I नेहरू के अनुसार कृषि थी भारत की ताकत लेकिन कृषि के लिए कुछ नहीं किया जिससे भारतीय कृषि क्षेत्र को लाभ मिलता हो I उसका उद्देश्य तो था एकजुट भारत लेकिन भारतीय सड़कों की हालत और अधोसंरचना सबसे खराब थी
3. गरीबी उन्मूलन
भारत के अनुसार दुनिया की प्राथमिकता गरीबी उन्मूलन थी लेकिन नेहरु ने निजीकरण पर रोक लगा दी I
4. धर्मनिरपेक्षता
एक धर्मनिरपेक्ष और एकीकृत भारत का सपना देखा I लेकिन हिंदुओं के लिए अलग कानून बनाए और मुसलमानों के लिए अलग कानून I
इसके साथ ही मुसलमानों के लिए एक उदार सूची का पालन किया गया I और अलग दिखने की कसौटी देखिये कि केवल दिखाने के लिए हर समुदाय को हमारे द्वारा धार्मिक रूप से पूरी आजादी का पालन किया जा रहा है I
जबकि बहुसंख्यक हिन्दुओं के अलग-अलग समुदायों को बराबर की सुबिधाये नहीं दी गयीं I सेकुलर शब्द से हिन्दुओं को दवाया जाता रहा I
5. कश्मीर मुद्दा
कई रियासतों को भारत का हिस्सा बनने की स्वतंत्रता दी गयी थी और इनके विलय के प्रवंधन की जिम्मेदारी सरदार पटेल को दी गयी थी I एक के बाद एक शानदार काम चल रहा था अनेकों रियासतों का विलय किया जा रहा था I
इसी तरह कश्मीर की रियासत थी जिसपर महाराजा हरि सिंह ने शासन किया था I लेकिन नेहरु ने इस विलय का बिरोध इस आधार पर किया था कि वो एक मुस्लिम राज्य था I इसका निर्णय शेख अब्दुल्ला करेंगे कि कश्मीर को भारत या पाकिस्तान का हिस्सा होना चाहिए, महाराजा हरि सिंह नहीं I
पाकिस्तान ने नेहरु के इस बिरोध का उपयोग किया I और कश्मीर में हथियारबंद आतंकियों की घुसपैठ करादी I यह आंखों को निष्क्रिय करने का अवसर है I
भारत को उकसाने वाला क्षेत्र, स्थानीय मुसलमानों में भावनाएँ कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ इसे हिंदू शासन से मुक्त किया I और इस तरह शुरू हुआ कश्मीर में हिंसा का दौर जो अब तक जारी है I
कई दिनों तक महाराजा ने नेहरू से विनती की कार्रवाई के रूप में वह नियंत्रण खो रहा था I लेकिन नेहरू ने जोर दिया शेख अब्दुल्ला की रिहाई करो I पसंद महाराजा के पास गई मदद के लिए माउंटबेटन के परिग्रहण का आदेश दिया I कश्मीर के लिए सेना को भेजा गया I इस क्षेत्र को पाकिस्तान ने आजाद घोषित किया I
भारत पर अप्रत्यक्ष युद्ध I सिर्फ अपनी आजादी के कुछ हफ़्तों बाद गठित पाकिस्तानी सेना में शामिल हो गए I भारत पर हमला करने के लिए नहीं I हमला करने वाले उग्रवादियों की रक्षा और उनकी मदद करने के लिए I
लेकिन भारतीय सेना या पूर्व रॉयल इंडियन आर्मी के साथ युद्ध का अनुभव पूर्ण के साथ जवाबी कार्रवाई बल के उग्रवादी और पाकिस्तानी सेना थे I भारत ने सेना को कश्मीर घाटी का अधिग्रहण करने के लिए तैयार किया I लेकिन अचानक् में नेहरू समाधान के लिए संयुक्तराष्ट्र चला गया I सरदार पटेल के लिए ये एक झटका था उसके पास इसका कोई जवाब नहीं था I
संयुक्त राष्ट्र ने भारत और पाकिस्तान दोनों के बलों को युद्ध विराम बनाए रखने के लिए जितनी जल्दी हो सके बलों को वापस बुलाने का आदेश दिया I लेकिन पाकिस्तान ने न तो युद्धविराम कायम रखा और न ही अपनी सेना को बापस बुलाया I
इस प्रकार वर्तमान में भी यही स्थिति है बार-बार दोहराया जा रहा है I नेहरु ने शेख अब्दुल्ला के प्रति अपना स्नेह दिखाते हुए उसे खुश करने को प्रधान मंत्री बनाया तथा
प्रधानमंत्री नियुक्त करके कश्मीर को नेहरू ने एक विशेष राज्य का दर्जा दिया I कश्मीर अनुच्छेद 370 की तरह कश्मीर को अधिकार है कि वह भारत के सम्बिधान का पालन न करे I भारत का संविधान तथा सभी कानून को अलग से कश्मीर की संसद द्वारा पारित किया जाएगा I
इतने तुष्टिकरण के बाद भी शेख अब्दुल्ला ने फिर से अपने असली रंग दिखाए कश्मीर के एजेंडे में एटा को शामिल करना I जो आज तक जारी है I
6. संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सीट
भारत को सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट के लिए USA तथा USSR ने इस प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद् के सामने रखा I लेकिन नेहरु ने अविश्वसनीय पराक्रम दिखाते हुए सुरक्षा परिषद् के इस प्रस्ताव को अस्वीकार करदिया I ये सबसे बड़ी गलती थी I
UNSC ने स्थायी सीट का तोहफा चाइना को दिया I चीन के स्थाई सदस्य बनने के बाद भी स्थायी सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका ने अभी भी जोर दिया I
लेकिन उसके बाद के सभी प्रयास किए जा रहे हैं I चीन के साथ प्रतिद्वंद्विता रही है I जब भारत व्यस्त था कश्मीर मुद्दे से निपटने में I
उसी समय चीन अपने तिब्बत मुद्दे का सामना करने में व्यस्त था I दलाई लामा के अनुयाईयों द्वारा हिंसक विद्रोह किया गया और दलाई लामा के अधीन आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया I
दलाई लामा ने भागने की कोशिश की लेकिन चीन ने चेतावनी दी कि जो भी देश उसे शरण देगा उसको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे I उस समय किसी भी पडौसी देश ने दलाई लामा को लेने से इनकार कर दिया I
लेकिन नेहरू ने इस खेल में कदम रखा दलाई लामा को खुले हाथों से स्वीकार किया I चीन ने भारत को चेतावनी दी कि वह दलाई को स्वीकार न करे इसको युद्ध का एक कार्य माना जाएगा I
लेकिन नेहरू ने परेशान नहीं किया और अनुमति नहीं दी I लेकिन दलाई लामा भारत में रहने के लिए रूठ गए I
चीन भारत पर हमला करने की योजना बनाने लगा था I लेकिन डर था कि चीनी सेना हार सकती है I पूर्व शाही भारतीय सेना के खिलाफ हो रही तैयारी लेकर अमेरिका CIA ने भारतीय सेना से संपर्क कर इसकी जानकारी दी I
भारत पर हमला करने की चीन की योजना के बारे में भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार थी I मामले में बड़े पैमाने पर बचाव किया गया चीन ने भारत पर हमला किया I लेकिन ये एक छोटा हमला था I एकमुश्त भारतीय सेना को खारिज कर दिया I रक्षात्मक कहा कि भारत एक अहिंसक राष्ट्र है I भारतीय सेना भारतीय पुलिस के रूप में बल बहुत अच्छा काम कर रहा था I
इससे कानून-व्यवस्था को झटका लगा भारतीय सेना के जनरल ने ऐसा कहा- केवल भगवान ही भारत को इस समय बचा सकता है I लेकिन चीन इन बजहों से डर गया था
इस तरह एक तरह से भगवान ने वास्तव में रक्षा की, लेकिन नेहरू को वह पसंद नहीं था I
चीनी प्रधान मंत्री को नेहरु ने भारत में आमंत्रित किया I यहाँ पर हिंदी-चीनी भाई-भाई जैसी बातें हुईं I नेहरु ने सोचा कि सब कुछ ठीक हो गया I लेकिन यात्रा के बाद भारत पर अब हमला करने की संभावना बढ़ गयी I
दो चीजें अभी भी भारत के पक्ष में थीं पहले USA और USSR अभी भी भारत के पक्ष में थे I यह एक पक्ष था I दूसरा यह कि चीन को लगा कि भारत चीन पर हमला कर सकता है I भारत वास्तव में इसके लायक है I इस तरह चीन भारत पर हमला करने का विचार छोड़ने पर विचार कर रहा था I
उधर अमेरिका ने क्यूबा पर मिसाइल से हमला कर दिया I जिससे एक संकट पैदा हुआ जिससे यूएसए और यूएसएसआर दोनों परमाणु विश्व युद्ध के कगार पर आ गये I चीन इसे जब्त करना चाहते था I ये मौका चीन को अपने लिए उपयुक्त लगा I
इस प्रकार चीन ने आखिरकार हमला करने का फैसला किया I भारत को नुकसान पहुंचाना है भारत को सबक सिखाना चीन का उद्देश्य था I
चीन अपनी योजना के साथ आगे बढ़ा और इण्डोचीन युद्ध हुआ जिससे भारत हार गया नेहरू के कारण I युद्ध और परिणाम के रूप में भारत ने आसमान की ठोड़ी [अक्साई- चिन] को सिर्फ इसलिए खो दिया क्योंकि भारत उस क्षेत्र को नियंत्रित करने में असमर्थ था I
नेहरु की असामान्य गलतियों का सिलसिला यहीं नहीं रुका उसने गलतियों पर गलतियाँ की जिनमें बलूचिस्तान राज्य की ओर से उपहार के रूप में मिलने वाला एक हिस्सा भी था जिसको नेहरु ने लेने से इंकार कर दिया I जिसे बाद में पाकिस्तान ने हासिल कर लिया I
7. तिब्बत
तिब्बती में हस्तक्षेप नहीं करने से स्वतंत्र तिब्बत के रूप में भारत ने एक बफर स्टेट जो भारत और चीन के बीच स्वतंत्रत देश होता को खो दिया I जिसको चीन ने हड़प लिया I
8. हैदराबाद
हैदराबाद राज्य एक दूसरा पाकिस्तान बन गया था लेकिन सरदार पटेल ने हस्तक्षेप किया और बचाया I
9. सिन्धुजल-संधि
पाकिस्तान बनते ही वहां मुफ्त पानी के लिए आन्दोलन होने लगा I पाकिस्तान, जिसे भारत की सख्त जरूरत थी अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए भारत से आग्रह किया I और इस तरह सिंधुजल-संधि को बनाया गया जिसमें पाकिस्तान को भारत ने अपने हिस्से का पानी देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये I यह नेहरु की एक और भूल थी I
ऐसी अनेकों बड़ी-बड़ी गलतियाँ नेहरु ने अपने शासन काल में की जिनका खामियाजा अभीतक भारत की जनता तथा भारत भुगत रहा है I आपसे आग्रह है कि आप अपनी बेवाक राय इन सभी मुद्दों पर कमेन्ट करके अवश्य दें I
पंडित नेहरू द्वारा की गयी जिन महान गलतियों के कारण आज तक और
अभी भी भारत और उसके लोग इसके परिणामों को झेल रहे हैं I उनके बारे में प्रकाश डालूँगा I
1. भारत का विभाजन
एक लम्बी गुलामी की जंजीरों में जकड़ने वाले मुस्लिम आक्रमणकारी, और उसके बाद अंग्रेजों के क्रूर शासन से 1947 में मुक्ति तो मिली लेकिन सम्पूर्ण भारत को मजहवी सोच ने सम्पूर्ण नहीं रहने दिया और धर्म के नाम पर भारत के टुकड़े कर दिए गए I
एक तरफ तो महात्मा गाँधी जवाहर लाल नेहरु को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे I दूसरी तरफ मोहम्मद अली जिन्ना खुद प्रधानमंत्री बनना चाहता था लेकिन जिन्ना का ये प्रस्ताव प्रमुख नेताओं ने हिन्दू बहुल देश में एक मुस्लिम प्रधानमंत्री बनाने को अस्वीकार कर दिया I
हिंदू बहुल देश में मुसलमान जनसंख्या, ब्रिटिश शासक इस स्थिति का उपयोग करना चाहते थे I और भारत को हिन्दू-मुसलमान में बांट कर देखते थे I इसलिए भारत के विभाजन को आगे बढ़ाया I इस समस्या का यही एकमात्र समाधान यह था I
जिन्ना को समझाया जाता कि भारत, मुगल शासन में भी एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र था और इसी तरह आने वाले समय में राष्ट्र एक धर्मनिरपेक्ष बना रहेगा I
बल्कि इसके बजाय नेहरू एक राष्ट्र को विभाजित करने को तैयार हो गए I जो किसी व्यक्ति के साथ बातचीत करने से ज्यादा आसान था I और इस तरह उन्होंने अंग्रेजों के भारत विभाजन के प्रस्ताव को आसानी से स्वीकार कर लिया I
और अपने प्रधानमन्त्री बनने का रास्ता साफ कर दिया I इस विभाजन और खुद के शासन करने के समाधान से भारत को एक खूनी विभाजन का सामना करना पड़ा I
पाकिस्तान के जन्म को एक राष्ट्र के रूप में चिह्नित किया I जो एक स्थायी दुश्मन और भारत के लिए लगातार सिर दर्द देने वाला देश बना I
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नेहरू की बड़ी-बड़ी भूलें [Blunders of Nehru] |
2. शासन व्यवस्था
समाजवाद को अपनाना ही सबसे बड़ी भूल थी I विभाजन के बाद पूंजीवाद भारत राष्ट्र के ढांचे के लिए अधिक उपयुक्त था I पहले प्रधानमंत्री के रूप में इसके लिए एक ढांचा तैयार करने के लिए तथा भारत के समृद्ध संसाधनों का लाभ उठाने के लिए और भारत के लिए सबसे उपयुक्त अर्थव्यवस्था है I
एक मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था जो एक एसी अर्थव्यवस्था है जो बाजार द्वारा ही शासित होता है और सरकार द्वारा नहीं I सरकार के लिए यह सबसे उपयुक्त व्यवस्था थी I
भारत के लिए अर्थव्यवस्था पर विचार के रूप में वास्तव में नेहरु को कोई पूर्व ज्ञान नहीं था I अंग्रेजों को धन्यवाद I भारत एक अद्वितीय राज्यों के समूह से बना है I
अपनी अनूठी विशेषताओं के साथ इतनी अनुमति बाजार को अपने आप में ही शासन करने के लिए अनोखा तरीका सबसे अच्छा होता I संभव समाधान यह था कि भारत के संयुक्त राज्य अमेरिका तथा अन्य यूरोपीय देशों के साथ मुक्त और खुली अर्थव्यवस्था होनी चाहिए थी I
यही इसका उपयुक्त समाधान होता I लेकिन नेहरू पूंजीवाद के खिलाफ थे उन्होंने सोचा था कि पूंजीवाद होगा तो लोग स्वार्थी बनंगे I और इस तरह से नेहरु के अंदर समाजवाद का पक्ष हावी था I
स्वयं नेहरू एक अजीब आदमी था जिस पर उसे गर्व था I उसको भारतीय संस्कृति के बजाय अंग्रेजी जीवन शैली पसंद थी और इसी को वो जीता था I
अंग्रेजों ने एक शक्तिशाली भारत का सपना देखा और एक प्रणाली तैयार की I लेकिन नेहरु ने इसका बिरोध किया I नेहरू के अनुसार कृषि थी भारत की ताकत लेकिन कृषि के लिए कुछ नहीं किया जिससे भारतीय कृषि क्षेत्र को लाभ मिलता हो I उसका उद्देश्य तो था एकजुट भारत लेकिन भारतीय सड़कों की हालत और अधोसंरचना सबसे खराब थी
3. गरीबी उन्मूलन
भारत के अनुसार दुनिया की प्राथमिकता गरीबी उन्मूलन थी लेकिन नेहरु ने निजीकरण पर रोक लगा दी I
4. धर्मनिरपेक्षता
एक धर्मनिरपेक्ष और एकीकृत भारत का सपना देखा I लेकिन हिंदुओं के लिए अलग कानून बनाए और मुसलमानों के लिए अलग कानून I
इसके साथ ही मुसलमानों के लिए एक उदार सूची का पालन किया गया I और अलग दिखने की कसौटी देखिये कि केवल दिखाने के लिए हर समुदाय को हमारे द्वारा धार्मिक रूप से पूरी आजादी का पालन किया जा रहा है I
जबकि बहुसंख्यक हिन्दुओं के अलग-अलग समुदायों को बराबर की सुबिधाये नहीं दी गयीं I सेकुलर शब्द से हिन्दुओं को दवाया जाता रहा I
5. कश्मीर मुद्दा
कई रियासतों को भारत का हिस्सा बनने की स्वतंत्रता दी गयी थी और इनके विलय के प्रवंधन की जिम्मेदारी सरदार पटेल को दी गयी थी I एक के बाद एक शानदार काम चल रहा था अनेकों रियासतों का विलय किया जा रहा था I
इसी तरह कश्मीर की रियासत थी जिसपर महाराजा हरि सिंह ने शासन किया था I लेकिन नेहरु ने इस विलय का बिरोध इस आधार पर किया था कि वो एक मुस्लिम राज्य था I इसका निर्णय शेख अब्दुल्ला करेंगे कि कश्मीर को भारत या पाकिस्तान का हिस्सा होना चाहिए, महाराजा हरि सिंह नहीं I
पाकिस्तान ने नेहरु के इस बिरोध का उपयोग किया I और कश्मीर में हथियारबंद आतंकियों की घुसपैठ करादी I यह आंखों को निष्क्रिय करने का अवसर है I
भारत को उकसाने वाला क्षेत्र, स्थानीय मुसलमानों में भावनाएँ कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ इसे हिंदू शासन से मुक्त किया I और इस तरह शुरू हुआ कश्मीर में हिंसा का दौर जो अब तक जारी है I
कई दिनों तक महाराजा ने नेहरू से विनती की कार्रवाई के रूप में वह नियंत्रण खो रहा था I लेकिन नेहरू ने जोर दिया शेख अब्दुल्ला की रिहाई करो I पसंद महाराजा के पास गई मदद के लिए माउंटबेटन के परिग्रहण का आदेश दिया I कश्मीर के लिए सेना को भेजा गया I इस क्षेत्र को पाकिस्तान ने आजाद घोषित किया I
भारत पर अप्रत्यक्ष युद्ध I सिर्फ अपनी आजादी के कुछ हफ़्तों बाद गठित पाकिस्तानी सेना में शामिल हो गए I भारत पर हमला करने के लिए नहीं I हमला करने वाले उग्रवादियों की रक्षा और उनकी मदद करने के लिए I
लेकिन भारतीय सेना या पूर्व रॉयल इंडियन आर्मी के साथ युद्ध का अनुभव पूर्ण के साथ जवाबी कार्रवाई बल के उग्रवादी और पाकिस्तानी सेना थे I भारत ने सेना को कश्मीर घाटी का अधिग्रहण करने के लिए तैयार किया I लेकिन अचानक् में नेहरू समाधान के लिए संयुक्तराष्ट्र चला गया I सरदार पटेल के लिए ये एक झटका था उसके पास इसका कोई जवाब नहीं था I
संयुक्त राष्ट्र ने भारत और पाकिस्तान दोनों के बलों को युद्ध विराम बनाए रखने के लिए जितनी जल्दी हो सके बलों को वापस बुलाने का आदेश दिया I लेकिन पाकिस्तान ने न तो युद्धविराम कायम रखा और न ही अपनी सेना को बापस बुलाया I
इस प्रकार वर्तमान में भी यही स्थिति है बार-बार दोहराया जा रहा है I नेहरु ने शेख अब्दुल्ला के प्रति अपना स्नेह दिखाते हुए उसे खुश करने को प्रधान मंत्री बनाया तथा
प्रधानमंत्री नियुक्त करके कश्मीर को नेहरू ने एक विशेष राज्य का दर्जा दिया I कश्मीर अनुच्छेद 370 की तरह कश्मीर को अधिकार है कि वह भारत के सम्बिधान का पालन न करे I भारत का संविधान तथा सभी कानून को अलग से कश्मीर की संसद द्वारा पारित किया जाएगा I
इतने तुष्टिकरण के बाद भी शेख अब्दुल्ला ने फिर से अपने असली रंग दिखाए कश्मीर के एजेंडे में एटा को शामिल करना I जो आज तक जारी है I
6. संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सीट
भारत को सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट के लिए USA तथा USSR ने इस प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद् के सामने रखा I लेकिन नेहरु ने अविश्वसनीय पराक्रम दिखाते हुए सुरक्षा परिषद् के इस प्रस्ताव को अस्वीकार करदिया I ये सबसे बड़ी गलती थी I
UNSC ने स्थायी सीट का तोहफा चाइना को दिया I चीन के स्थाई सदस्य बनने के बाद भी स्थायी सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका ने अभी भी जोर दिया I
लेकिन उसके बाद के सभी प्रयास किए जा रहे हैं I चीन के साथ प्रतिद्वंद्विता रही है I जब भारत व्यस्त था कश्मीर मुद्दे से निपटने में I
उसी समय चीन अपने तिब्बत मुद्दे का सामना करने में व्यस्त था I दलाई लामा के अनुयाईयों द्वारा हिंसक विद्रोह किया गया और दलाई लामा के अधीन आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया I
दलाई लामा ने भागने की कोशिश की लेकिन चीन ने चेतावनी दी कि जो भी देश उसे शरण देगा उसको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे I उस समय किसी भी पडौसी देश ने दलाई लामा को लेने से इनकार कर दिया I
लेकिन नेहरू ने इस खेल में कदम रखा दलाई लामा को खुले हाथों से स्वीकार किया I चीन ने भारत को चेतावनी दी कि वह दलाई को स्वीकार न करे इसको युद्ध का एक कार्य माना जाएगा I
लेकिन नेहरू ने परेशान नहीं किया और अनुमति नहीं दी I लेकिन दलाई लामा भारत में रहने के लिए रूठ गए I
चीन भारत पर हमला करने की योजना बनाने लगा था I लेकिन डर था कि चीनी सेना हार सकती है I पूर्व शाही भारतीय सेना के खिलाफ हो रही तैयारी लेकर अमेरिका CIA ने भारतीय सेना से संपर्क कर इसकी जानकारी दी I
भारत पर हमला करने की चीन की योजना के बारे में भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार थी I मामले में बड़े पैमाने पर बचाव किया गया चीन ने भारत पर हमला किया I लेकिन ये एक छोटा हमला था I एकमुश्त भारतीय सेना को खारिज कर दिया I रक्षात्मक कहा कि भारत एक अहिंसक राष्ट्र है I भारतीय सेना भारतीय पुलिस के रूप में बल बहुत अच्छा काम कर रहा था I
इससे कानून-व्यवस्था को झटका लगा भारतीय सेना के जनरल ने ऐसा कहा- केवल भगवान ही भारत को इस समय बचा सकता है I लेकिन चीन इन बजहों से डर गया था
- पहले भारतीय सेना, पूर्व शाही भारतीय सेना थी I जिसका अर्थ है भारतीय सेना पर हमला होगा तो रॉयल आर्मी पर हमला करने के बराबर होगा I सत्ता के मामले में ब्रिटिश सेना तैयारी और अनुभव में चीनी सेना से अधिक थी I
- दूसरा इलाके, चीन केवल भारत पर हमला कर सकता था हिमालय पर्वत की तरफ से और उस तरफ से पहाड़ों पर सेना के को अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ेगा I इंडिया, यूएसए और यूएसएसआर दोनों का पसंदीदा देश था I USSR दुनिया का एकमात्र सुपरपावर था I दोनों की तरफ से चीन को खतरा था I
इस तरह एक तरह से भगवान ने वास्तव में रक्षा की, लेकिन नेहरू को वह पसंद नहीं था I
चीनी प्रधान मंत्री को नेहरु ने भारत में आमंत्रित किया I यहाँ पर हिंदी-चीनी भाई-भाई जैसी बातें हुईं I नेहरु ने सोचा कि सब कुछ ठीक हो गया I लेकिन यात्रा के बाद भारत पर अब हमला करने की संभावना बढ़ गयी I
दो चीजें अभी भी भारत के पक्ष में थीं पहले USA और USSR अभी भी भारत के पक्ष में थे I यह एक पक्ष था I दूसरा यह कि चीन को लगा कि भारत चीन पर हमला कर सकता है I भारत वास्तव में इसके लायक है I इस तरह चीन भारत पर हमला करने का विचार छोड़ने पर विचार कर रहा था I
उधर अमेरिका ने क्यूबा पर मिसाइल से हमला कर दिया I जिससे एक संकट पैदा हुआ जिससे यूएसए और यूएसएसआर दोनों परमाणु विश्व युद्ध के कगार पर आ गये I चीन इसे जब्त करना चाहते था I ये मौका चीन को अपने लिए उपयुक्त लगा I
इस प्रकार चीन ने आखिरकार हमला करने का फैसला किया I भारत को नुकसान पहुंचाना है भारत को सबक सिखाना चीन का उद्देश्य था I
चीन अपनी योजना के साथ आगे बढ़ा और इण्डोचीन युद्ध हुआ जिससे भारत हार गया नेहरू के कारण I युद्ध और परिणाम के रूप में भारत ने आसमान की ठोड़ी [अक्साई- चिन] को सिर्फ इसलिए खो दिया क्योंकि भारत उस क्षेत्र को नियंत्रित करने में असमर्थ था I
नेहरु की असामान्य गलतियों का सिलसिला यहीं नहीं रुका उसने गलतियों पर गलतियाँ की जिनमें बलूचिस्तान राज्य की ओर से उपहार के रूप में मिलने वाला एक हिस्सा भी था जिसको नेहरु ने लेने से इंकार कर दिया I जिसे बाद में पाकिस्तान ने हासिल कर लिया I
7. तिब्बत
तिब्बती में हस्तक्षेप नहीं करने से स्वतंत्र तिब्बत के रूप में भारत ने एक बफर स्टेट जो भारत और चीन के बीच स्वतंत्रत देश होता को खो दिया I जिसको चीन ने हड़प लिया I
8. हैदराबाद
हैदराबाद राज्य एक दूसरा पाकिस्तान बन गया था लेकिन सरदार पटेल ने हस्तक्षेप किया और बचाया I
9. सिन्धुजल-संधि
पाकिस्तान बनते ही वहां मुफ्त पानी के लिए आन्दोलन होने लगा I पाकिस्तान, जिसे भारत की सख्त जरूरत थी अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए भारत से आग्रह किया I और इस तरह सिंधुजल-संधि को बनाया गया जिसमें पाकिस्तान को भारत ने अपने हिस्से का पानी देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये I यह नेहरु की एक और भूल थी I
ऐसी अनेकों बड़ी-बड़ी गलतियाँ नेहरु ने अपने शासन काल में की जिनका खामियाजा अभीतक भारत की जनता तथा भारत भुगत रहा है I आपसे आग्रह है कि आप अपनी बेवाक राय इन सभी मुद्दों पर कमेन्ट करके अवश्य दें I
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