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नई दिल्ली. गांव व छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक छोटी-छोटी जरूरतों के लिए माइक्रोफाइनेंस की डिमांड में 38 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। एमएफआईएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस सेक्टर में रोजगार के मौकों में 34 फीसदी का इजाफा हुआ है। डोर स्टेप बैंकिंग सेवा देने वाले माइक्रोफाइनेंस सेक्टर में जॉब व कॅरियर ग्रोथ को लेकर सेटिन क्रेडिटकेयर के सीओओ देव वर्मा से दैनिक भास्कर को बताया।
सवाल: युवाओं के लिए माइक्रोफाइनेंस में किस प्रकार के रोजगार उपलब्ध हैं?
जवाब: गांवों तक पहुंच होने से इसमे विस्तार के खूब मौके हैं। फील्ड ऑफिसर के अलावा लोन ऑफिसर, कस्टमर सर्विस ऑफिसर, ब्रांच मैनेजर, सर्वेयर समेत मार्केटिंग, ब्रांडिंग, लीगल, अकाउंट, बैक ऑफिस वर्क आदि में भी जॉब हैं।
सवाल: आपकी कंपनी में किस तरह की स्किल की जरूरत होती है?
जवाब: हम भर्ती करते समय विभिन्न स्किल पर विचार करते हैं। कम्युनिकेशन स्किल, बेसिक कैलकुलेटिंग कैपसिटी, कस्टमर फ्रेंडली, उद्यमशीलता जैसी कई दक्षताओं को उम्मीदवार में खोजते हैं।
सवाल: विभिन्न पदों पर कंपनी भर्ती के लिए क्या प्रक्रिया अपनाती है?
जवाब: हम सबसे ज्यादा भर्तियां रूरल क्षेत्र से करते हैं। भर्तियों के लिए ग्राहकों के रिफरेंस के अलावा हम विज्ञापन भी देते हैं। सोशल मीडिया से लेकर कंपनी के वरिष्ठ साथियों के रेफरेंस का उपयोग करते हैं। विभिन्न स्तरों के लिए हमें बारहवीं, स्नातक से लेकर एमबीए और पोस्ट ग्रेजुएट से लेकर सुपर स्पेशलिस्ट तक की बेंचमार्क योग्यताओं की जरूरत होती है।
सवाल: इस क्षेत्र में नौकरी की क्या संभावनाएँ हैं और भविष्य का परिदृश्य क्या होगा?
जवाब: यह बहुत बड़ी इंडस्ट्री है। डोर स्टेप बैंकिंग की वजह से सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने में भी सक्षम है। अब माइक्रोफाइनेंस में नए उत्पाद यानी इंश्योरेंस, टूव्हीलर लोन आ गए हैं। इससे भविष्य में माइक्रोफाइनेंस कंपनियाें का कवरेज बहुत ज्यादा बढ़ेगा।
सवाल: इस सेक्टर में निचले स्तर पर जॉब बदलने का ट्रेंड क्या है?
जवाब: माइक्रोफाइनेंस में निचले स्तर पर काम करने वाले कर्मचारी यदि अच्छे से काम करें तो उनके लिए बैकिंग आदि में काफी मौके हैं। कम पढ़े लिखे युवा भी अब ऊंची तनख्वाह वाली पोजिशन पर पहुंच सकते हैं।
सवाल: साक्षात्कार के लिए कैसे तैयारी करनी चाहिए?
जवाब: मेरा मानना है कि इंटरव्यू लेने वाला हमेशा उम्मीदवार के विचार और अभिव्यक्ति की स्पष्टता को देखता है। निचले स्तर पर हम कम्युनिकेशन स्किल, बिहेबवियर, स्कूली एजुकेशन, बेसिक नॉलेज आदि देखते हैं।
2022 तक फाइनेंशियल सर्विसेज में 16 लाख कर्मचारियों की जरूरत
- 31 मार्च 2019 तक माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के पास 9.33 करोड़ खाताधारक थे।
- एमएफआईएन के मुताबिक 53 कंपनियों ने इस साल 187386 करोड़ रुपए का कर्ज बांटा जो कि बीते साल की तुलना में 38% ज्यादा था
- माइक्रोफाइनेंस सेक्टर की सालाना औसत ग्रोथ 21.9 प्रतिशत है।
- इस सेक्टर में 34 प्रतिशत की ग्रोथ रेट से रोजगार के मौके बढ़ रहे हैं। अभी 104973 कर्मचारी कार्यरत।
- वर्ष 2018-19 में कंपनियों ने 82928 करोड़ रुपए का नया लोन बांटा। यह बीते साल की तुलना मेें 28 प्रतिशत ज्यादा रहा।
- एनएसडीसी के अनुसार 2022 तक बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज आदि में करीब 16 लाख अतिरिक्त कुशल कर्मचारियों की जरूरत होगी।
source /national/news/
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