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मुंबई. पीएमसी बैंक घोटाले के कारण प्रभावित हुए निवेशकों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। शनिवार को बैंक के निवेशक मुरलीधर धर्रा(83) की मौत हो गई। धर्रा के पुत्र ने बताया कि उसके पिता गंभीर हृदय रोग से पीड़ित थे। बैंक में उनके 80 लाख रुपए जमा थे लेकिन आरबीआई की पांबदियों के कारण पैसा निकल नहीं पाया जिसके कारण उनकी हर्ट सजरी नहीं हो पाई।
23 सितंबर से ही आरबीआई ने बैंक से पैसे निकालने पर प्रतिबंध लगा रखा है। शुरूआत मेंबैंक से प्रत्येक निवेशक को 1000 रुपए निकलने की मंजूरी दी थी। मौजूदा समय में एक निवेशक अधिकतम 40,000 रुपए की निकासी ही कर सकता है। हालांकि आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार चिकित्सा इमर्जेंसी के लिए पैसे निकाले जा सकते हैं लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बैंक ने धर्रा के परिवार की ओर से किया गया अनुरोध अस्वीकार किया या नहीं।
निवेशकों की मौत का ये चौथा मामला
पीएमसी बैंक के निवेशकों की मौत का ये चौथा मामलाहै। इससे पूर्व बैंक के निवेशक और जेट एयरवेज के पूर्व कर्मचारी सुमीत गुलाटी की विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कुछ ही घंटों बाद मौत हो गई थी। मुंबई निवासी निवेदिता जगतियानी और फट्टू पंजाबी नामक निवेशकों ने भी भारी संख्या में अपने पैसे बैंक में फंसे होने के कारण निराश होकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। जिननिवेशकों की मौत हुई हैं,सभी के लगभग80 लाख रुपए तक बैंक में जमा थे।
जमाकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
इसी क्रम में शनिवार को जमाकर्ताओं ने पीएमसी बैंक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आरबीआई बैंक से निकासी के लिए निर्धारित की गई 40,000 रुपए की रकम में बढ़ोत्तरी की जाए। पिछले महीने बैंक द्वारा कथित तौर पर 4,355 करोड़ रुपए का घोटाला करने का मामला सामने आने के बाद पीएमसी बैंक को किसी प्रकार के लोन या अग्रिम भुगतान नहीं करने को निर्देश दिया था। बैंक पर ताजा निवेश आकर्षित करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है
source /national/news
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