जल्लाद पवन ने तोड़ा अपने दादा का रिकॉर्ड;
आजाद भारत में दूसरी बार एक साथ 4 अपराधियों को मिली फांसी
7 साल, 3 माह और 4 दिन के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार न्याय की जीत हुई। आज शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे निर्भया के सभी दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय व पवन कोएक साथ तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया।
दोषियों को मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद ने फांसी पर लटकाया। इसी के साथ पवन ने अपने दादा कालूराम का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कालूराम जल्लाद ने पटियाला सेंट्रल जेल में दो भाईयों को फांसी दी थी।
निर्भया के दोषी पहले नहाए, फिर नाश्ता किया; सुबह 5:30 बजे सुपरिंटेंडेंट का इशारा मिलते ही चारों को फांसी दी गई
आजाद भारत में दूसरी बार चार लोगों को एक साथ दी गई फांसी
निर्भया केस के दोषियों पवन, मुकेश, अक्षय, विनय को एक साथ शुक्रवार सुबह तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। यह आजाद भारत में दूसरा मौका है। जब एक साथ चार लोगों को फांसी पर लटकाया गया। 27 नवंबर 1983 को जोशी अभयंकर केस में दस लोगों का कत्ल करने वाले चार लोगों को पुणे के यरवदा जेल में एक साथ फांसी दी गई थी। वहीं, जल्लाद पवन के जीवन का पहला मौका होगा, उसने एक साथ चार अपराधियों को फांसी पर लटकाया।'चौथी पीढ़ी का मैं इकलौता जल्लाद हूं'
पवन जल्लाद ने कहा- ‘‘मैं खानदानी जल्लाद हूं। इस काम में मुझे शर्म नहीं आती। मेरे परदादा लक्ष्मण जल्लाद, दादा कालू राम जल्लाद, पिता मम्मू जल्लाद थे। मतलब जल्लादी के इस खानदानी पेशे में मैं अब चौथी पीढ़ी का इकलौता जल्लाद हूं।’’पवन ने पटियाला जेल में दी थी पहली फांसी
जल्लाद पवन ने बताया कि मैंनेपहली फांसी दादा कालू राम जल्लाद के साथ पटियाला सेंट्रल जेल में दो भाइयों को दी थी। उस वक्त मेरी उम्र यही कोई 20-22 साल रही होगी। अब मैं 58 साल का हो चुका हूं। दादा के साथ अब तक में पांच खूंखार अपराधियों को फांसी पर टांग चुका हूं।source https://www.bhaskar.com
No comments:
Post a Comment