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Thursday, 19 March 2020

ठोक दो की नीति पर खूब चली पुलिस तो कभी अपनों ने दागदार की छवि;

ठोक दो की नीति पर खूब चली पुलिस तो कभी अपनों ने दागदार की छवि; 

योगी सरकार के 3 साल और 12 विवाद

ठीक हो जाओ, नहीं तो ठोक देंगे...। तीन साल पहले उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को यही दो-टूक हिदायत दी थी। पुलिस ने भी कानून व्यवस्था को ठीक करने के लिए बंदूकों का सहारा लिया।

ताबड़तोड़ एनकाउंटर हुए। जिस पर प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए कहा- जिस प्रदेश के मुखिया की ऐसी भाषा होगी तो निर्दोष तो मारे ही जाएंगे। अखिलेश ने झांसी में हुए पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर केस को हत्या करार दिया था। हालांकि, योगी का दावा है कि, हर तरह के अपराध में प्रभावी अंकुश लगा है। लेकिन 12 ऐसे मामले आए, जिससे सरकार की साख पर सवालिया निशान लगे।



उन्नाव गैंगरेप केस:
योगी को सत्ता संभाले हुए अभी एक साल बीता था। इसी बीच अप्रैल 2018 में उन्नाव में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया। पीड़ित की एक साल से एफआईआर नहीं दर्ज हो रही थी। पिता को भी जेल में मार दिया गया था। आरोप भाजपा के विधायक कुलदीप सेंगर पर लगा। पीड़ित के सीएम आवास पर आत्मदाह की कोशिश के बाद सीबीआई जांच शुरू हुई। भाजपा विधायक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अभी भी केस का ट्रायल शुरू नहीं हुआ था, इस बीच एक गवाह की मौत हो गई। साथ ही 28 जुलाई 2019 को पीड़िता का एक्सीडेंट हो गया। केस में गवाह चाची और उसकी मौसी की मौत हो गई। खुद पीड़ित भी कई दिनों तक मौत से जूझती रही। मामले में सुप्रीमकोर्ट को भी दखल देना पड़ा।
वर्तमान स्थिति: रेप केस में कुलदीप सिंह को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। पिता की हत्या के मामले में भी दस साल की कैद सुनाई गई है। कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया था।

उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जलाया:उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 23 साल की गैंगरेप पीड़िता को 5 दिसंबर 2019 की सुबह रेलवे स्टेशन जाते समय रास्ते में 5 आरोपियों ने ​जिंदा जला दिया था। 90 फीसदी झुलस चुकी पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
वर्तमान स्थिति: पुलिस नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इनमें शिवम त्रिवेदी, उसके पिता रामकिशोर, शुभम त्रिवेदी, हरिशंकर और उमेश बाजपेयी शामिल हैं। मामला कोर्ट में चल रहा है।

विवेक तिवारी हत्याकांड:ऐपल कंपनी के मैनेजर विवेक तिवारी की 28 सितंबर 2018 की रात लखनऊ में हत्या कर दी गई। विवेक अपनी एक सहकर्मी को छोड़ने उसके घर अपनी कार से जा रहे थे। तभी रात के करीब डेढ़ बजे बाइक सवार दो पुलिसकर्मियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार ने उन्हें रुकने का इशारा किया। जब वे नहीं रुके तो सिपाही प्रशांत चौधरी ने विवेक निशाना बनाकर गोली चला दी थी। जिसमें विवेक की मौत हो गई थी। जबकि सना इस हमले में बाल-बाल बच गई थी।
वर्तमान स्थिति: दोनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया। मामला कोर्ट में है। कोर्ट ने कहा कि विवेचना में एकत्र किए गए सुबूतों से पता चलता है कि संदीप ने विवेक तिवारी की हत्या को आसान बनाने के लिए प्रशांत चौधरी की सामान्य आशय से सहायता की। वहीं, संदीप के इस कृत्य के परिणाम में हुई विवेक की हत्या के वक्त वह घटनास्थल पर ही मौजूद था। लिहाजा उसके खिलाफ हत्या का मामला चलाने का पर्याप्त आधार है। इस मामले सिपाहियों की गवाही बाकी हैं।

कमलेश तिवारी हत्याकांड:18 अक्तूबर की दोपहर 12 से एक बजे के बीच हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की उनके दफ्तर में पहले चाकू फिर तमंचे से गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने 22 अक्टूबर को अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान को गिरफ्तार किया था। इससे पहले इस मामले में पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिनपर हत्या की साजिश रचने और हत्यारों को मदद पहुंचाने का आरोप है। इससे पहले इस हत्‍याकांड में साजिश करने वाले तीन आरोपी मौलाना शेख सलीम, फैजान और राशिद अहमद पठान को 19 अक्टूबर को सूरत में पकड़ा था।
वर्तमान स्थिति: पूरे मामले का ट्रायल एनआईए कोर्ट में चल रहा हैं। किसी भी आरोपी की जमानत नहीं हुई है।

सोनभद्र नरसंहार:17 जुलाई 2019 को सोनभद्र के उम्भा गांव में जमीन कब्जे को लेकर 10 लोगों का नरसंहार कर दिया गया। प्रियंका गांधी ने सोनभद्र पहुंचकर योगी सरकार व कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। प्रियंका को नजरबंद किया गया। लेकिन उन्होंने पीड़ितों से मिले बगैर वापस जाने से इंकार कर दिया। उसके बाद प्रियंका की मुलाकात पीड़ितों से करायी गयी। उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2019 में हुई घटना के लिए 1955 में जवाहरलाल नेहरु सरकार को दोषी बताया। इस मामले में पीड़ितों को सरकार के साथ साथ कांग्रेस ने भी अपनी तरफ से मुआवजा दिया था।
वर्तमान स्थिति: ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त और भतीजे समेत 24 लोगों को अरेस्ट किया गया था। मामला कोर्ट में ट्रायल में है।

सुबोध सिंह हत्याकांड:दो दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के बिसहड़ा गांव में गोवध के बाद हुई हिंसा में भीड़ ने स्याना कोतवाली के इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी थी। काफी कोशिशों के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया था। इस मामले में करीब 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
वर्तमान स्थिति:घटना के बाद पकड़े गए आरोपियों को जेल हुई, लेकिन मुख्य आरोपी समेत सभी रिहा हो गए। मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

बाराबंकी शराब कांड:28 मई 2019 को बाराबंकी के रामनगर इलाके में जहरीली शराब पीने से 23 लोगों की मौत हुई थी। ये तब हुआ था जब योगी सरकार ने अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश दिया था।
वर्तमान स्थिति: शराब के ठेका मालिक आरोपी सुनील जायसवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था, जो अभी जमानत पर बाहर है और मामला कोर्ट में ट्रायल में चल रहा है।

सहारनपुर जातीय संघर्ष:पांच मई 2018 को सहारनपुर के शब्बिरपुर में दलितों और राजपूतों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। यह वारदात तब हुई थी, जब एक समुदाय के लोग अम्बेडकर शोभा यात्रा निकाल रहे थे। जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी। जबकि 17 लोग घायल हुए थे। 9 मई को इस मामले को लेकर सहारनपुर में अलग अलग जगहों पर हिंसा हुई। हालांकि यहां पर किसी की जान नहीं गई। इसके बाद 23 मई को फिर दो गुट आमने सामने आए और हिंसक घटना हुई। जहां दो लोगो को गोली मार दी गई, जबकि दो लोगों की धारदार हथियार से कटकर हत्या कर दी गई।
वर्तमान स्थिति: इस मामले में पुलिस ने तकरीबन दो दर्जन लोगों को पकड़ा था। जिसमें मुख्य रूप से भीम आर्मी का प्रमुख चन्द्र शेखर उर्फ रावण था। हालांकि लगभग सभी आरोपी जमानत पर है। मामला कोर्ट में है।

शाहजहांपुर यौन उत्पीड़न मामला:24 अगस्त 2019 को पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद के लॉ कालेज की छात्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल करके चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया। 6 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने घटना का संज्ञान लेकर एसआईटी को जांच सौंपी थी। 20 सितम्बर को एसआईटी ने जांच के दौरान चिन्मयानंद पर लगे आरोपों को सही पाए जाने पर चिन्मयानंद को गिरफ्तारी कर लिया था। लेकिन, तभी कुछ वीडियो और फोटो वायरल हुए थे। उसके बाद चिन्मयानंद के वकील ने छात्रा और उसके तीन दोस्तों पर पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था। 25 सितम्बर को एसआईटी ने पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में छात्रा को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
वर्तमान स्थिति: एसआईटी इस घटना में चार्जशीट हाईकोर्ट में दाखिल कर दी थी, जिसके बाद लगातार कोर्ट में बहस हो रही है। हालांकि, हाईकोर्ट ने छात्रा को जमानत दे दी है। छात्रा जेल से बाहर आ चुकी है। वही चिन्मयानंद की जमानत पर हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी हैं। फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा हैं।

चंदन गुप्ता हत्याकांड:कासगंज में 26 जनवरी 2018 को गणतंत्र दिवस पर युवाओं ने तिरंगा यात्रा निकाली थी। तिरंगा यात्रा जब बिलमार गेट के पास अल्पसंख्यक समुदाय के मोहल्ले से गुजरने लगी तो तिरंगा यात्रा निकाल रहे युवकों ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे दो गुटों में झड़प शुरू हो गई थी। झड़प इतनी बढ़ी की इसने हिंसा का रूप ले लिया था। तकरार में दोनों तरफ से फायरिंग, पत्थरबाजी हुई, जिसमें तिरंगा यात्रा में शामिल चंदन गुप्ता नाम के शख्स की गोली लगने से मौत हो गई थी। दूसरे पक्ष के एक शख्स को भी गोली लगी थी।
वर्तमान स्थिति: इस मामले में मुख्य आरोपी सलीम वर्की व उसके दो भाई नसीम व वसीम को भी आरोपी बनाया गया था। कासगंज हिंसा में पुलिस ने करीब 117 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच कर एसआईटी ने 24 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी फाइल की थी। मुख्य आरोपी तीन भाइयों पर रासुका की भी कार्यवाही की गई थी।
12 आरोपियों को जमानत मिल चुकी हैं, पूरे मामले में कोर्ट में ट्रायल चल रहा है।

सीएए हिंसा का मामला:नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 19 और 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में हिंसा हुई थी। इस दौरान 21 लोगों की मौत हुई थी। बलवा और तोड़फोड़ की घटनाओं के सिलसिले में प्रदेश भर में अब तक 883 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसमें से 561 लोग जमानत पर बाहर आ चुके हैं। 322 लोग अब भी जेल में हैं, जबकि 111 लोगों की जमानत अर्जियां अदालतों में लंबित हैं।
वर्तमान स्थिति: सीएए के विरोध में अभी भी यूपी के 7 शहर लखनऊ, आजमगढ़, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़, कानपुर में अभी में धरना जारी है। इस मामले लखनऊ में आरोपियों के बैनर-पोस्टर लगाने के बाद मामला को हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और सभी होर्डिंग को हटाने के आदेश दिए। इसके बाद यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की थी। जहां पर सुनवाई होना बाकी है।
हापुड़ मॉब लिंचिंग केस:यूपी के हापुड़ में साल 2018 में बीफ तस्करी के शक में कासिम नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में कुछ और लोग भी जख्मी हुए थे। इस घटना के चश्मदीद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए बताया कि यूपी पुलिस इस केस में ठीक से जांच नहीं कर रही है, यहां तक कि चश्मदीदों के बयान भी दर्ज नहीं किए गए हैं।
वर्तमान स्थिति: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को जांच आगे बढ़ाने और दूसरी चार्जशीट (पूरक चार्जशीट) दायर करने का आदेश दिया है।

संगठित अपराधों पर लगा प्रभावी अंकुश: सीएम योगी
सीएम योगी ने तीन साल के पूरे होने पर कहा-‘’परित्राणाय साधूना विनाशाय च दुष्कृताम’’ को सूत्र बनाकर हमारी सरकार कार्य कर रही है। जिसका परिणाम है कि तीन वर्ष में प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ।

2016 के सापेक्ष 2019 में संगठित अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगा है। डकैती के मामले में 59.70 प्रतिशत, लूट के मामले में 47.09 प्रतिशत, हत्या के मामले में 21.71 प्रतिशत, बलवा में 27.20 प्रतिशत, अपहरण के मामले में 37.74 प्रतिशत और बलात्कार के मामले में 17.90 प्रतिशत की कमी आई है।

उन्होंने कहा कि पुलिस के आधुनिकीकरण की दिशा में हमारी सरकार ने काफी काम किया है। 1.37 लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती की गई है। पुलिस व फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाने की दिशा में कार्यवाही आगे बढ़ाई गई है। हर रेंज में साइबर थाना और फॉरेंसिक लैब बनाने जा रहे हैं।

ठोक दो की नीति पर खूब चली पुलिस तो कभी अपनों ने दागदार की छवि;
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।


source https://www.bhaskar.com

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