आज जन्मभूमि टेंट में अंतिम बार आरती, भोग और श्रृंगार होगा
अयोध्या में विराजमान श्री रामलला ने अपने भाइयों और भक्त हनुमान के साथ अपने नए अस्थाई मंदिर में जाने की सहमति दे दी है। मंगलवार को मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने भगवान से नए स्थान पर विराजने की प्रार्थना की और सालों से चली आ रही रस्म को पूरा करते हुए नए अस्थाई मंदिर का वास्तु पूजन किया।
श्रीरामलला को बुधवार तड़के 2 बजे से 3 बजे तक टेंट में स्थित गर्भगृह में अंतिम बार आरती, भोग और श्रृंगार किया गया। इसके बाद तड़के करीब 3 बजे मुहूर्त के अनुसार नए अस्थाई मंदिर में प्रतिस्थापित किया। 1528 के बाद पहली बार श्रीरामलला चांदी के सिंहासन पर विराजमान हुए।
योगी करेंगे आरती
श्रीरामलला को उनके भाइयों व हनुमानजी समेत अलग-अलग पालकियों में बिठाकर ले जाया गया। प्रस्थान से लेकर प्रतिस्थापित होने के दौरान स्वस्ति वाचन हुआ। इस दौरान पहले उनका श्रृंगार हुआ। उसके बाद अभिषेक और आरती हुई।
यह कार्यक्रम सुबह 7 बजे तक चला। इसके बाद श्रीरामलला का दर्शन श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। इस विशेष अभिषेक कार्यक्रम में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे और विशेष आरती की।
राम मंदिर भूमि पूजन स्थगित हो सकता है
पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि विक्रम संवत 2077 की शुरूआत व चैत्र नवरात्रि के प्रतिपदा से श्रीरामलला के विराजमान होने से देश में सुख-समृद्धि और शांति आएगी। इस बीच, ट्रस्ट के सदस्य विमलेंद्र मोहन मिश्र ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि-पूजन की तिथि तय करने के लिए 4 अप्रैल को अयोध्या में प्रस्तावित बैठक के आयोजन पर संशय है।
भूमि पूजन के लिए ट्रस्ट के पास कई शुभ मूहूर्त की तिथियां हैं, जिनमें एक तिथि 30 अप्रैल भी है। लेकिन, कोरोनावायरसके संक्रमण को रोकना हमारा पहला कर्तव्य है।
श्रीरामलला के अकाउंट में 2.81 करोड़ रु. नकद, 8.75 करोड़ की एफडी
अयोध्या में विराजमान रामलला के अकाउंट में 2.81 करोड़ रुपए नकद और 8.75 करोड़ रुपए की एफडी जमा है। इसके अलावा 230 ग्राम सोना, 5019 ग्राम चांदी व 1531 ग्राम अन्य धातुएं हैं। उनका नया अस्थाई मंदिर कुटी की तरह तैयार किया गया है, जिसे जर्मन पाइन लकड़ी व कांच से बनाया गया है। इसका प्लेटफार्म संगमरमर से तैयार किया गया है।
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