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Saturday, 22 February 2020

रामलला विराजमान की पूजा करना निर्मोही अखाड़े का हक,

रामलला विराजमान की पूजा करना निर्मोही अखाड़े का हक, 

लेकिन इसके लिए मंदिर निर्माण में बाधक नहीं बनूंगा: महंत दिनेंद्र दास

निर्मोही अखाड़ा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में पूजा का अधिकार और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में अपने पांच सदस्य की मांग कर रहा है। अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास को केंद्र सरकार ने ट्रस्ट में सदस्य मनोनीत किया है। पिछले दिनों हुई ट्रस्ट की बैठक में महंत जी ने अपनी दोनों मांगों का पत्र दिया था। ट्रस्ट के अन्य सदस्यों ने मांगपत्र पर बाद में चर्चा करने की बात कही है।

महंत दिनेंद्र दास का कहना है- "हमारी दोनों मांग जायज हैं, लेकिन इन्हें मनवाने के लिए हम मंदिर निर्माण में बाधक नहीं बनेंगे।" महंत दिनेंद्र दास से दैनिक भास्कर ने बातचीत के प्रमुख अंश -

भास्कर: निर्मोही अखाड़ा राम मंदिर में पूजा का अधिकार और पांच सदस्यों को ट्रस्ट में शामिल करने की मांग कर रहा है। बैठक में इस पर क्या निर्णय हुआ?
दिनेंद्र दास: मैंने अपनी मांगों का पत्र ट्रस्ट की बैठक में रखा और इस पर विचार करने का आग्रह किया। सदस्यों ने कहा इस पर विचार किया जाएगा। साथ ही सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के पास पत्र भेजा जाएगा।
भास्कर: मतलब मांगों पर कोई फैसला न करके इसे पेंडिंग में डाल दिया गया।
महंत: हम मांग ही कर सकते हैं। बाक़ी फैसला करना ट्रस्ट का काम है।
भास्कर: क्या आप को उम्मीद है कि आपकी मांगे पूरी होंगी?
महंत: निर्मोही अखाड़ा शुरू से ही रामलला की पूजा अर्चना करता रहा है। रामानंदी संप्रदाय को ही पूजा का अधिकार मिलना चाहिए। उम्मीद है कि हमारा हक हमें मिलेगा। हालांकि, 5 सदस्यों को ट्रस्ट को शामिल करने का मामला केंद्र सरकार को तय करना है। इस पर कुछ कह नहीं सकता।
भास्कर: निर्मोही अखाड़ा की मांगे पूरी नहीं हुई तो क्या विरोध दर्ज कराएंगे?
महंत: मंदिर निर्माण राम का काम है। इसमें विरोध का सवाल ही नहीं है। ट्रस्ट के सभी सदस्यों के बीच सहमति और आपसी विश्वास का रिश्ता बैठक में बना है। सब मिलकर राम मंदिर निर्माण करवाने के लिए आतुर हैं। मैं विरोध करके राम कार्य में बाधक नहीं बनना चाहता।
भास्कर: अखाड़ा के पंचों की नाराजगी कैसे दूर करेंगे?
महंत: सही बात तो यह है कि हमारे पंचों में कोई नाराज़ नहीं है। केवल अपनी मांग को पूरा करने को लेकर अनुरोध दर्ज करवाया है। निर्णय लेना ट्रस्ट और केंद्र सरकार का काम है।
भास्कर: आप निर्मोही अखाड़ा की मांग पूरी नहीं होने पर भी संतुष्ट रहेंगे?
महंत: जो सोचा नहीं था, वह मिल गया। राम मंदिर निर्माण का फैसला आ गया। मंदिर बनने जा रहा है। तैयारी शुरू हो गई है । इससे ज्यादा और क्या चाहिए? बैठक में मुझे बहुत सम्मान दिया गया। मांगें पूरी हो या न हों मैं हर हाल में खुश हूं। राम का काम, हमारी सहभागिता में हो रहा है।
भास्कर: सरकारी दखल वाली धार्मिक ट्रस्टों में गैर ब्राह्मण पुजारी हैं। अगर श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट भी मंदिर में अन्य जातियों के लोगों को भी पुजारी बनाएगा तो आपको या निर्मोही अखाड़े को कोई आपत्ति होगी या नहीं?
महंत: निर्मोही अखाड़ा में परंपरा ब्राम्हण व उच्च जाति का पुजारी रखने की है। अगर पूजा का अधिकार हमें मिला तो इसी के हिसाब से पुजारी रखा जाएगा। बाकी ट्रस्ट में आम सहमति पर जो तय होगा उसे मानना है।
भास्कर: कब शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण कार्य?
महंत: अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक 4 मार्च को होने वाली है। इसमें मंदिर निर्माण की तिथि पर निर्णय किया जाएगा। रामनवमी को भूमि पूजन को लेकर बैठक में चर्चा हुई थी। लेकिन, इस तिथि पर अयोध्या में 15 लाख से ज्यादा की भीड़ पहुंचने का पुराना रिकॉर्ड है। इससे सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समस्या खड़ी हो सकती है। इसलिए सहमति नहीं बनी।
भास्कर:धर्माचार्य होने के नाते आप मंदिर निर्माण शुरू करने की किस तिथि को शुभ मानते हैं?
महंत:मेरी राय में राम का काम कभी भी शुरू हो सकता है। इसके लिए हर तिथि शुभ है। लेकिन, इसके बावजूद ट्रस्ट की बैठक में सर्वसम्मति से शुभ मुहूर्त तय किया जाएगा।


रामलला विराजमान की पूजा करना निर्मोही अखाड़े का हक,
Ayodhya Ram Mandir; Nirmohi Akhara Mahant Dinendra Das On Ram Lalla Virajman Puja, Ram Temple Construction Over Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust Members


source https://www.bhaskar.com

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