रवि यादव ने संकल्प लिया था, पहले रणजी खेलूंगा फिर करूंगा शादी
पहले ही मैच में हैट्रिक लेकर इतिहास रचा
मध्य प्रदेश रणजी टीम के खिलाड़ीरवि यादव ने अपने करियर के पहले ही फर्स्ट क्लास मैच के पहले ही ओवर में हैट्रिक ली। उन्होंने यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश के खिलाफ रणजी ट्रॉफीग्रुप बी मैच के पहले ही दिन हासिल की।रवि के कोच पवन शर्मा का कहना है कि वह तो शुरू से ही क्रिकेट में बल्लेबाजी करने का शौकीन था। गेंदबाजी तो उसने 2 साल पहले ही शुरूकिया था। मुझे खुशी है कि उसने अपने डेब्यू मैच में ही इतिहास कायम कर दिया।
पदार्पण मैच के पहले ही ओवर में हैट्रिक लेने वाले देश के पहले गेंदबाज बने मप्र के रवि यादव
रवि तीन भाई हैं। दूसरे नम्बर पर रोहित यादव हैं, जो शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे हैं। सबसे छोटा भाई संगम क्रिकेट खेलता है। दो बहनें हैं। रोहणी और रचना यादव। रोहणी की शादी हो गई है और वह आगरा में रहती हैं। पवन ने कहा- रवि कहता है कि जब तक रणजी ट्रॉफी नहीं खेल लेता तबतक शादी नहीं करूंगा।
तीन भाइयों में बड़ा है, लेकिन क्रिकेट प्रेम में उसने शादी नहीं की।रवि का छोटा भाई घर का सारा काम और पिता का काम देखता है। कोच पवन शर्मा बताते हैं कि रवि बहुत ही शान्त स्वभाव का इंसान है और वह खाली समय में किताबें पढ़ना पसंद करता है।
उसकी मां उषा देवी एक गृहणी हैं। फिरोजाबाद के टॉपर कला के रहने वाले रवि यादव के पिता रमाशंकर यादव ईंट-भट्ठे के व्यापारी हैं।
13 साल की उम्र में अकादमी में लिया एडमिशन
पवन शर्मा ने कहा- बीते पांच साल से मेरे देखरेख में क्रिकेट खेल रहा है। 2002 में पहली बार रवि ने फिरोजाबाद क्रिकेट अकादमी में एडमिशन लिया था। उसके बाद रवि आगरा में क्रिकेट खेलने चला गया।आगरा के स्पोर्ट्स कॉलेज से लखनऊ में 2004 में दाखिला लिया था। 2008 तक लखनऊ स्पोर्ट्स कॉलेज में प्रशिक्षण लेने के बाद लौटा था। फिरोजाबाद में आरआर क्रिकेट एकेडमी में खेलता था,लेकिन बाद में 2016 में वह मध्य प्रदेश चला गया। चंबल में मुरैना जिले की टीम से खेलता था।
आगरा की विविधा सनराइजर्स अकादमी में भी अभ्यास किया
पवन शर्मा ने बताया कि शहर में रवि के प्रदर्शन से सभी खेल प्रेमी खुश रहते थे। रवि यादव ने आगरा की विविधा सनराइजर्स एकेडमी मैं भी प्रैक्टिस की साथ ही उन्होंने अपने बचपन में क्रिकेट की बारीकियां कन्हैयालाल टंडन में सीखी।रवि के कोच पूर्व रणजी खिलाड़ी सर्वेश भटनागर ने कहा- रवि स्विंग और चालाकी भरी गेंदबाजी से ही हैट्रिक संभव हो सकी है। वो हर रोज चार से पांच घंटे तक गेंदबाजी का अभ्यास करता है। वर्ष 2010 में यूपी से अंडर-19 खेला था और बाद में वह मुरैना एमपी खेलने चला गया।
source https://www.bhaskar.com
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