भारत-रूस थल सेना का संयुक्त युद्धाभ्यास:
टारगेट तक सैनिकों को पहुंचाने के लिए टैंकों ने दिया कवर फायर
झांसी. ग्लोबल आतंकी खतरे से निपटने के लिए बीते 11 दिसंबर से झांसी के बबीना कैंट में भारत और रूस की सेनाओं का संयुक्त सैन्य अभ्यास 'इंद्र 2019' का आयोजन चल रहा है। मंगलवार को यहां थल सेना ने युद्धाभ्यास किया। इस दौरान टैंकों से आतंवादियों को मार गिराने का अभ्यास किया गया गया।
कुछ यूं हुआ अभ्यास
बबीना कैंट एरिया के ग्राउंड में कुछ अस्थाई बस्तियां बनाई गई थीं। जिनमें टेरिस्ट गतिविधियों को दर्शाया गया। उनको मारने के लिए सेना के चॉपर से कुछ कमांडो उतरे और उनको एग्जैक्ट लोकेशन में पहुंचाने के लिए टैंकरों ने कवर फायर किया।
जिससे सैनिक अपने निर्धारित लक्ष्य की ओर बढ़ गए। एके-47 से लेकर सेना के टैंकरों तक का प्रदर्शन किया गया। सबसे पहले इंडियन आर्मी ने अपना डेमो दिखाया, उसके बाद रशियन आर्मी ने अपने करतब दिखाए। रशियन आर्मी द्वारा किया गया प्रदर्शन इंडियन आर्मी से किसी भी मायने में कम नहीं था।
भारतीय भौगोलिक स्थिति में जो ट्रेनिंग संयुक्त रूप से इंडियन और रशियन आर्मी ने पाई उसका बहुत ही उम्दा प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर दोनों ही देशों की आर्मी के आला अधिकारी मौजूद रहे।
भारत में पहली बार आयोजन
11 दिसम्बर से 19 नवंबर तक चलने वाले इस साझां युद्धाभ्यास को झांसी की बबीना आर्मी कमांड के साथ गोवा और पुणे में एक साथ शुरू किया गया है। संयुक्त युद्धाभ्यास की जो इंद्र सीरीज चल रही है यह इसका 11वां आयोजन है।
11 दिसम्बर से 19 नवंबर तक चलने वाले इस साझां युद्धाभ्यास को झांसी की बबीना आर्मी कमांड के साथ गोवा और पुणे में एक साथ शुरू किया गया है। संयुक्त युद्धाभ्यास की जो इंद्र सीरीज चल रही है यह इसका 11वां आयोजन है।
आर्मी नेवी और एयरफोर्स की एक्सरसाइज पहली बार रशिया में 2017 में हुई थी। इसके बाद इंडिया में पहली बार 2019 में हो रही है। जिसमें थल सेना की ट्रेनिंग बबीना में हो रही है। नेवी का कार्यक्रम गोवा में और एयरफोर्स का पुणे में युद्धअभ्यास हो रहा है।
1200 जवान कर रहे साझा अभ्यास
आतंकी घटनाओं से सुरक्षित रखने के लिए हम एक दूसरे से तकनीकी एक्शन सीखें और इस किस्म का तालमेल हो अगर कोई तीसरा देश हम से मदद मांगे तो हम दोनों उस देश की मदद कर सकें। इसका मकसद ग्लोबल टेरेरिज्म की जो लड़ाई है उस पर विजय प्राप्त करना है।
एक्सरसाइज इंद्रा इसी लक्ष्य को लेकर ज्वाइंट ऑपरेशन कर रहा है। इसमें दोनों देशों के करीब 1200 जवानों के साथ टैंक्स, एयरक्राफ्ट, जहाज, हैलीकॉप्टर आदि शामिल हैं।
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