
अयोध्या से आदित्य तिवारी. श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अपना फैसला सुनाया। इस फैसले को लेकर जहां पूरे देश में बेचैनी थी। वहीं, इसकी धुरी अयोध्या आम दिनों की तरह शांत नजर आई। मध्य प्रदेश के भोपाल और उप्र केलखनऊ जैसे शहरों में अघोषित बंद जैसा माहौल था। सुबह सरयू के घाटों पर जयश्री राम के जयकारे के साथ साधु संत और श्रद्धालु डुबकी लगाते नजर आए। स्कूल-कॉलेज बंद होने से शहर की सड़कों पर ट्रैफिक कम था। हालांकि, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और सीसीटीवी से लगातार निगरानी की जा रही है।
रामलला: दर्शन पर रोक नहीं
आयोध्या में रामलला के रास्ते पर तगड़ी सुरक्षा-व्यवस्था है। दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु को रोका नहीं जा रहा। हालांकि, ऐहतियातन जगह-जगह बैरिकेडिंग लगी है। सुरक्षाबल आईडी कार्ड देखकर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए जाने दे रहे हैं। हालांकि, रोज की तुलना चेकिंग की सख्ती के चलते श्रद्धालुओं की संख्या आधी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में पूछे जाने एक बुर्जुग दशनार्थी कहते हैं-वहीं होगा जो रामलला की मर्जी होगी।
राम की पैड़ी: पुलिस की सख्ती
अयोध्या में अहम मानी जाने वाली राम की पैड़ी और राम कथा पार्क में आम दिनों की तरह भीड़ नहीं थी। कारण सुरक्षाबलों की सख्ती। यहां श्रद्धालुओं से ज्यादा सुरक्षाबलों की संख्या नजर आई। यहां आने वाले लोगों को सुरक्षाबल तगड़ी चेकिंग कर रहे थे। पुजारी संतोष दास ने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या कम थी। लेकिन जो भी आए उन्हें दर्शन हुए।
हनुमानगढ़ी: करीब 70% दुकानें खुली रहीं
हनुमान गढ़ी के पास सुबह करीब 70% दुकानें खुली रहीं। लेकिन, पहरा ज्यादा होने की वजह से भीड़ जमा नहीं हो पा रही थी। लोगों को परिचय पत्र देखकरदर्शन करने के लिए जाने दिया जा रहा था। फैसला आने के बाद कुछ और दुकानें भी खुल गईं। लेकिन यहां, सुरक्षा के सख्त इंतजाम से स्थानीय लोग परेशान नजर आए। हर 50-100 कदम पर सुरक्षाबल के जवान खड़े हुए थे।
कनक भवन : हर 50 मीटर पर बैरिकेडिंग
विवादित परिसर क्षेत्र में कनक भवन में हर 50 मीटर पर बैरिकेडिंग और सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं। सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जा रही है। फैसले के मद्देजनर श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम थी। प्रसाद की दुकानें खुलीं थीं, लेकिन भीड़ न के बराबर थी। जो भी आ रहा था, जांच के बाद आसानी से दर्शन कर रहा था।
इमामबाड़ा और चौक इलाका: बाजार से भीड़ कम
इस इलाके में भी जीवन सामान्य नजर आया। मकबरा गुलाब बाड़ी चौक में भी करीब 70 फीसदी दुकानें खुली थीं। भीड़ कम थी। आशंका के चलते ज्यादातर महिलाएं और बच्चे बाजार में नजर नहीं आए। अवध विवि में पढ़ने वाले एमटीए के छात्र अंकित ने बताया कि यूनिवर्सिटी बन्द हैलेकिन कोई और रोकटोक नहीं है। हम हर जगह आ-जा रहे हैं।
नाका और मकबरा बस स्टेशन: सड़क किनारे ठेले लगे हैं
अयोध्या के बायपास से लेकर नाका हनुमानगढ़ी तक सभी दुकानें खुली हैं। यहां तक कि सड़क पर लगने वाले ठेले भी लगे हैं। हर चौराहे पर बैरिकेडिंग और पुलिसकर्मी हैं। लेकिन, किसी भी काम को रोका नहीं गया। अयोध्या में श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए अतिरिक्त बसों की व्यवस्था भी की गई है।
इकबाल अंसारी के घर जुटी रही भीड़
टेढ़ी बाजार में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी का घर है। सुबह से यहां लोगों की भीड़ जुटी रही। यहां लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़े अपडेट देख रहे थे। बीच में कुर्सी पर इकबाल अंसारी बैठे थे। जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया तो इकबाल आश्वस्त नजर आए। उनके घर के बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा था। बाहर आकर इकबाल ने कहा- जो भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, वह मुझे मान्य है। हम पूरे देशवासियों से अमन चैन और सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हैं। न्यायालय द्वारा जो भी फैसला किया गया है, वह सभी लोगों को स्वीकार करना चाहिए।
स्थानीय लोग बोले:'हमने ऐसे दिन कई बार देखे हैं'
- अयोध्या में रहने वाले 60 साल के सफीद्दीन अंसारी कहते हैं- पुलिस की बैरिकेडिंग और पुलिस की वर्दी के बीच रहने की आदत हो गई है। कभी बरसी पर कभी और किसी दिन। अब फोर्स को देखकर डर नहीं लगता। आदत सी हो गई है। फैसला जो भी आए, बस आ जाए।
- वहीं,संस्कृत महाविद्यालय से सेवानिवृत्त पंडित धनंजय मिश्र सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर खुश हैं। वह कहते हैं यहां कोई भी तनाव की स्थिति नहीं है। लोगों का भ्रम है कि यहां फोर्स तैनात हैतो दिक्कत तोहोगी। मैंने आज भी वैसे सारे काम किए जैसे रोजाना करते थे।
सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने पर अयोध्या नगर में कुछ युवा हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता की जय नारे लगाने लगे। यह देख सुरक्षाबलों ने उन्हें ऐसा न करने की हिदायत दी। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने बाजार में गश्त करकेलोगों से अमन-चैन बनाए रखने की अपील की। रामलला मंदिर इलाके की मोर्चेबंदी बढ़ा दी गई है।
source https://www.bhaskar.com
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