
नई दिल्ली.अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला एएसआई की रिपोर्ट पर आधारित है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी साक्ष्यों को देखते हुए फैसला दिया था। यह रिपोर्टएएसआई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) केके मोहम्मद ने तैयार कर काेर्ट को सौंपी थी। उन्होंनेबताया- पुरातात्विक और ऐतिहासिक साक्ष्य के आधार पर ही मैंने कहा था कि अयोध्या में मस्जिद से पहले मंदिर था। इसके लिए मुझे कुछ लोगों ने भला-बुरा कहा, धमकियां भी दीं। अब फैसले से खुद को दोषमुक्त महसूस कर रहा हूं।
उन्होंने आगे कहा-मुझे 1976-77 में पुरातत्व अध्ययन के दौरान अयोध्या में काम करने का मौका मिला। हमें उत्खनन में मंदिर के स्तंभों के नीचे ईंटों का एक आधार दिखा। तब किसी ने इसे समस्या की नजर से नहीं देखा। बाद में जब मैं वहां पहुंचा तो मैंने मस्जिद की दीवारों में मंदिर के स्तंभ देखे। स्तंभ के निचले भाग में 11वीं-12वीं सदी के मंदिरों में दिखने वाले पूर्ण कलश बनाए गए थे। मंदिर कला में पूर्ण कलश आठ ऐश्वर्य चिह्नों में से एक है।
केके मोहम्मद के अनुसार-मस्जिद ढहाए जाने के पहले हमने इस तरह के 14 स्तंभ देखे थे। बाबर के सेनानायक मीर बाकी द्वारा तोड़े गए या पहले से तोड़े गए मंदिरों के अंशों का उपयोग करके ही मस्जिद बनी थी। पहले जिन पत्थरों से निर्मित स्तंभ के बारे में बात हुई, वैसे ही स्तंभ और उसके नीचे के भाग में ईंट का चबूतरा मस्जिद के बगल में और पिछले भाग में मिला था। इन बातों के आधार में मैंने कहा था कि मस्जिद के नीचे मंदिर था। खुदाई को निष्पक्ष रखने के लिए 137 श्रमिकों में 52 मुस्लिम थे।खुदाई में मिले 263 अवशेषों ने अयोध्या में मस्जिद से पहले मंदिर होने की पुष्टि की।
source https://www.bhaskar.com
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