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Friday, 25 October 2019

उप्र: पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी बोले- पिछली सरकारों ने श्रीराम जन्भूमि को विवादित जगह बनाया

उप्र: पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी बोले- पिछली सरकारों ने श्रीराम जन्भूमि को विवादित जगह बनाया
वाराणसी (आदित्य तिवारी/ अमित मुखर्जी). अयोध्यामें दीपोत्सव 23 अक्टूबर से शुरू हो गया है। कार्यक्रम26 अक्टूबर तक चलेगा। राम मंदिर पर भी जल्द फैसला आने वाला है। इन्हीं मुद्दों पर भास्कर नेउप्र सरकार के पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्यमंत्री नीलकंठ तिवारी से बात की। उन्होंनेपिछली सरकारों पर रामजन्मभूमि को विवादित जगह बनाकर छोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा-जब से भाजपा की सरकार बनी है, अयोध्याका विकास किया जा रहा है।राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार पर्यटन नीलकंठ तिवारी ने दैनिक भास्कर ऐप को दिए इंटरव्यू में अयोध्या के विकास को लेकर आगामी कार्ययोजनाओं पर भी प्रकाश डाला। बातचीत के प्रमुख अंश-
भास्कर:दीपोत्सव को लेकर क्या तैयारियां हैं और खास क्या है?
नीलकंठ:दीपोत्सव के कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। आस्था का मैराथन हुआ है। शनिवार को विशेष कार्यक्रम में श्रीरामजी का भव्य रथ से आगमन होगा। इसे पुष्पक विमान कह सकते हैं। खास यह है किइस बार भरत मिलाप का मंचन भी होगा। इसे हर की पौड़ी (हरिद्वार)में देखा होगा। पहली बार राम की पैड़ी बनाईगई है। पिछली बार 3 लाख 51 हजार दीप जले थे। इस बार 5 लाख 51 हजार दीप जलाए जाएंगे। गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की तैयारी है। मठ, मंदिरों के अलावा अन्य लोग भी दीप जलाएंगे। हनुमान एवं राम की बड़ी प्रतिमा औरआतिशबाजी भीदेखने को मिलेगी।
भास्कर:रामलीला का क्या स्वरूप रहेगा?
नीलकंठ:चार देशों की रामलीला कमेटियां आ चुकी हैं,जिनके द्वारा अपनी-अपनी भाषा में लीला का मंचन किया जा रहा है। 17 स्थानोंके लेखकों ने अलग-अलग भाषाओं में कथा लिखी, इनकाकार्यक्रम हो चूका है। पेंटिंग का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
भास्कर:दीपोत्सव को प्रांतीय मेले का दर्जा दिया गया है। इसके मेला प्राधिकरण भी बनाया जायेगा ? मॉनिटरिंग कौन करेगा?
नीलकंठ:मेले का पूरा खर्चा सरकार उठा रही है। प्रदेश में और भी प्रांतीय मेले हैं। प्राधिकरण की जरुरत नहीं होती है। इसके लिए एक कमेटी होती है,जो पर्यटन विभाग या किसी भी विभाग से हो सकता है। जिलाधिकारी उसको कोऑर्डिनेट करते हैं। जिला प्रशासन मॉनिटरिंग करेगा और पर्यटन विभाग नोडल एजेंसी रहेगी।
भास्कर:अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर का टूरिस्ट प्लेस बनाने के लिए सरकार की क्या योजनाएं हैं?
नीलकंठ: गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसको दर्ज करा चुके हैं। आपको देखने पर लगेगा कि रामचरित मानस या रामायण में जो आपने पढ़ा होगा, वही यहां पर हो रहा है। फिजी के गेस्ट हमारे यहां आ रहे हैं।
भास्कर:दीपोत्सव में आम लोगों को परेशानी उठाना पड़ती है। इस बारक्या व्यवस्था रहेगी?
नीलकंठ:
पूरी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। मुख्यस्थल रामकथा पार्क है,जहां पर मुख्यमंत्री, साधू-संत रहेंगे। दूसरा राम की पैड़ी और तीसरा स्थल आतिशबाजीका है। इस बार कई फूड कोर्ट बनाए गए हैं। इस बार बहुत कुछ नया है। 26 अक्टूबर को अवध यूनिवर्सिटी से शोभायात्रा निकलती है। इसमें भी लाखों लोग शामिल होते हैं।
भास्कर:यूपी के कई तीर्थस्थलों में पंडों की वजह से आम जन परेशान रहताहै। क्या इस दिशा में सरकारकोई कदम उठा रही है?
नीलकंठ: बहुत सी चीजों में लोग अपनी कहानी गढ़ते हैं। जो चीजे हमारी संज्ञान में आती हैं, हम उसपर निर्णय लेते हैं। ऐसा कुछ सामने आएगा तो निर्णय लिया जाएगा।
भास्कर:यूपी में कानून व्यवस्था को देखते हुए टूरिज्म पर कितना असर पड़ रहा है?
नीलकंठ: कानून व्यवस्था सुधरने से असर ये पड़ा है कि हमारा टूरिजम तीन गुना बढ़ गया है। साल भर के अंदर तिगुना बढ़ गया है।
भास्कर:कमलेश तिवारी की हत्या के पीछे क्या आप पुलिस विभाग की लापरवाही मानते हैं?
नीलकंठ:अपराधी गिरफ्तार हो गए हैं। चीजें पूरी तरह से साफऔर स्पष्ट हैं। जो चीजें बची हैं, वो भी जल्द सामने आ जाएंगी।
भास्कर:अयोध्या के विकास के लिए क्या प्लान है?
नीलकंठ:पिछली सरकारों ने विवादित स्थलबनाकर अयोध्या को विकास की दौड़ से बाहर कर दिया थ,जबकि यह विश्व का सबसे महत्वपूर्ण पर्यटनस्थल है। न कोई विकास हुआ, न कोई काम हुआ। अब प्रदेश सरकार का मानना है कि विकास होना चाहिए। इसके लिए नगर निगम का गठन हुआ। पर्यटकों की सुविधाओं पर काम कर रहे हैं। 500 से ऊपर बसों की कैपसिटी का बस अड्डा बना रहे हैं। म्यूजियम भी बन रहा है। अयोध्या शोध संस्थान, कनक भवन, जिसमें कहा जाता है कि प्रभु आकर रहते हैं,को ठीक कराया जा रहा है। अखाड़ों औरघाटों का सुंदरीकरण भी करा रहे हैं।
भास्कर:अयोध्याको लेकर कोर्ट के फैसले पर लोग चिंतित हैं, लोगों का डर कैसे दूरकरेंगे?
नीलकंठ: जो चीजें न्यायलय में विचाराधीन हैं, उस पर किसी को विचार नहीं देना चाहिए। किसी भी विषय पर टिप्पणी नहीं होनी चाहिए।





source https://www.bhaskar.com

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