पैरामेडिकल स्टॉफ पर थूकने वाला जमाती हुआ डिस्चार्ज:
अपने किए पर पछतावा जताते हुए डॉक्टरों से बोला- आप खुदा का दूसरा रूप हैं
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच कानपुर में सोमवार देर शाम को 20 कैदी डिस्चार्ज किए गए।इस बीच पैरामेडिकल स्टॉफ पर थूकने वाला जमाती डिस्चार्ज होने से भावुक हो गया। उसने अपनी करतूत पर पैरामेडिकल स्टॉफ से मांगी और बोला आप लोग खुदा का दूसरा रूप है ,
मैने तो जीने की उम्मीद छोड़ दी थी मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मैं आज घर जा रहा हूं। पैरामेडिकल स्टाफ ने भी उसे समझाकर शांत कराया।
सोमवार देर शाम को सरसौल सीएचसी के हाईरिस्क कोविड-19 अस्पताल से 20 संक्रमितों मरीजों का उपचार करने के बाद उनके घर को भेज दिया।
पैरामेडिकल स्टॉफ ने तालियां बजाकर मरीजों को डिस्चार्ज किया। इसमें से 11 पेसेंट कानपुर के हैं और इटावा का एक औरैया के 6, कन्नौज का एक पेसेंट था।
सरसौल के सीएचसी अस्पताल को कोविड-19 हॉस्पिटल बनाया गया था। जिसमें 30 बेडों वाले हाईरिस्क आईसोलेशन वार्ड में 21 कोरोना पॉजिटिव पेसेंट एडमिट थे। सभी पेसेंट तब्लीगी जमात से संबध रखते थे।
उपचार के दौरान सभी मरीजों की तीन से चार बार रिर्पोट निगेटिव आ चुकी है। इसके बाद डाक्टरों ने सभी को डिस्चार्ज करने का फैसला किया था। डाक्टरों ने सभी को घर में ही 14 दिनों तक खुद को क्वारैंटाइन करने की सलाह दी गई है।
दिल्ली मरकज में शामिल हुआ था तब्लीगी जमाती
मूलरूप से मेरठ का रहने वाला तब्लीगी जमात का सदस्य निजामुद्दीन मरकज से कानपुर आया था। पुलिस ने उसे बीते 31 मार्च को नौबस्ता की खैर मस्जिद से पकड़ा था।उसके सैंपल लेकर लखनऊ केजीएमयू भेजा गया था और इसके बाद उसे रामा मेडिकल कालेज में कवारैंटाइन किया गया था। बीते 5 अप्रैल को जमाती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 5 अप्रैल की शाम को सरसौल में बने हाईरिस्क आइसोलेशन वार्ड में उसे शिफ्ट किया गया था। वार्ड में पहुंचते ही उसने हंगामा करना शुरू कर दिया। जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम से भिड़ गया, उनके साथ बदसलूकी करने लगा।
पैरामेडिकल स्टॉफ के साथ गाली गलौच करने लगा था। जब डाक्टरों ने उसके साथ सख्ती दिखाई तो उसने पैरामेंडिकल स्टाफ पर थूकना शुरू कर दिया था। स्टॉफ ने पीपीई किट पहनी थी इसके बाद भी खुद को सैनिटाइज किया था।
आइसोलेशन वार्ड में खुद को बंद कर लिया था
थूकने के बाद जमाती ने खुद को आइसोलेशन वार्ड में बंद कर लिया था। स्टाफ के समझाने के बाद भी वो वार्ड का दरवाजा नहीं खोल रहा था। जब डाक्टरों ने जमाती को धमकी दी कि तुम्हारी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की जाएगी और रासुका लगाई जाएगी। इसके बाद जमाती ने वार्ड का दरवाजा खोला था।डिस्चार्ज होने के बाद मेरठ के इस जमाती की आंखों में आंसू थे। उसे अपनी इस करतूत पर पछतावा था। जिस पैरामेडिकल स्टाफ के साथ उसने बदसलूकी की थी उसी स्टाफ ने उसकी जान बचाई है ।
source https://www.bhaskar.com
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