हरदोई से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश बोले- चिकित्सा सामग्री खरीद में भ्रष्टाचार का बोलबाला,
लिहाजा मेरी निधि वापस दी जाए
कोरोना की जंग में हर कोई अपने त्याग की आहूति डाल रहा है। प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में योगी सरकार ने सत्र 2020-21 की विधायक निधि स्थगित कर दी थी।जिसके बाद कई विधायकों ने पत्र लिखकर अपनी निधि अपने क्षेत्र में कोविड से बचाव पर खर्च करने की बात कही। लेकिन अब वही विधायक ठेंगा दिखा रहे हैं।
ताजा मामला हरदोई के गोपामऊ से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश का है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार, कमीशन खोरी का हवाला देते हुए निधि की राशि लौटने की मांग की है।
विधायक ने सैनिटाइजर, मास्क व उपकरणों की खरीद के लिए अपनी निधि से 25 लाख रुपए दिए थे। इससे पहले 16 अप्रैल को विधायक ने पत्र लिखकर सीडीओ से खर्च का हिसाब मांगा था। लेकिन जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने पत्र लिखकर धनराशि वापस देने की बात कही है।
प्रशासन अभी तक निधि से खरीद नहीं पाया बचाव के उपकरण
दरअसल, भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने 26 मार्च को पत्र लिखकर 25 लाख रुपए की निधि मुख्य विकास अधिकारी को यह कहकर दी थी कि उनके इलाके की सीएचसी, पीएचसी में चिकित्सा की सामग्री किट और इलाके की जनता के लिए सैनिटाइजर और मास्क की खरीद की जाए।लेकिन प्रशासन विधायक निधि से अब तक न तो सैनिटाइजर खरीद पाया और न ही कोई मास्क या चिकित्सा सामग्री ही खरीदी गई। 16 अप्रैल को विधायक श्याम प्रकाश ने सीडीओ को पत्र लिखकर यह जानकारी चाही कि उनकी निधि से अब तक सामान क्यों नहीं खरीदा गया?
लेकिन उस चिट्ठी का कोई भी जवाब विधायक को नहीं मिला। इस बीच चिकित्सा सामग्री में खरीद-फरोख्त को लेकर भ्रष्टाचार की खबरें जब सामने आई, तो इन खबरों का हवाला देते हुए विधायक श्याम प्रकाश ने पाला बदला और अपनी विधायक निधि यह कहकर वापस मांग ली कि चिकित्सा सामग्री खरीद में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। लिहाजा उनकी निधि को वापस कर दिया जाए ताकि उनकी निधि सही काम में जनता के काम आ सके।
नहीं मिला ऑर्डर, अन्य विधायकों की निधि से हो रहा खर्च
डीएम पुलकित खरे ने बताया कि, इस संबंध में उनकी सीडीओ निधि गुप्ता से बात हुई। उन्होंने बताया कि सैनिटाइजर और मास्क की इन दिनों खासी किल्लत है। जेल से प्रतिदिन बनने वाले 800 मास्क और एक स्वयं सेवी संस्था के द्वारा प्रतिदिन 1000 मास्क बनाए जाते हैं।इसके अलावा हरियावां शुगर मिल से सैनिटाइजर की खरीद की जा रही है। और भी कई विधायकों ने अपनी निधि से फंड दिया है। लेकिन सामान पर्याप्त मात्रा में न मिल पाने की वजह से अभी तक इस निधि से कोई खरीदारी नहीं की जा सकी है। हालांकि ऑर्डर बरेली और मुरादाबाद में दिया गया है।
जौनपुर में भाजपा एमएलसी समेत पांच विधायकों ने वापस ली थी निधि
इससे पहले जौनपुर में भाजपा के एमएलसी सहित चार विधायकों व बसपा की एक विधायक ने सीडीओ को पत्र लिखकर निधि की धनराशि का उपयोग करने से मना कर दिया था। इनमें सदर विधायक गिरीश चंद्र यादव व एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू ने सीएमएस व जिला अस्पताल को निधि का पैसा आवंटित किया था,जबकि शेष आठ विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों में सीएचसी पर उपकरण के लिए सीएमओ को राशि दी थी। वहीं, कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने विधायक निधि के साथ ही विधायकों के वेतन में 30 फीसदी कटौती का फरमान जारी किया था। इस आदेश के बाद पांच जनप्रतिनिधियों ने सीडीओ को पत्र भेजकर धनराशि खर्च न करने की बात कही थी।
किस विधायक ने कितने दिए थे?
भाजपा एमएलसी विद्यासागर सोनकर ने एक करोड़, बदलापुर के भाजपा विधायक रमेश चंद्र मिश्रा ने 23 लाख, केराकत के भाजपा विधायक दिनेश चौधरी ने 10 लाख मुंगराबाद शाहपुर की बसपा विधायक सुषमा पटेल ने पांच लाख व जफराबाद के भाजपा विधायक डॉक्टर हरेंद्र प्रसाद सिंह ने 10 लाख रुपए दिए थे। फिलहाल सभी ने सीडीओ को पत्र भेजकर निधि की जारी धनराया के आदेश को निरस्त करने के लिए कहा है।source https://www.bhaskar.com
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