युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर आतंकवाद में धकलेना चाहती है पीएफआई
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मंत्री मोहसीन रजा ने कहा है कि जो लोग प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) में शामिल थे, उन्होंने ही अबपापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नाम से नया संगठन तैयार कर लिया है। रजा ने कहा कि यही लोग मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें आतंकवाद की तरफ धकेलना चाहते हैं।
नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद यूपी के 22 जिलों में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई। इस हिंसा में शामिल पीएफआई के 25 पदाधिकारी व सदस्य गिरफ्तार हुए। इनके कब्जे से कई अहम दस्तावेज पुलिस के हाथ लगे, जो इस बात को साबित करते थे कि हिंसा में इस संगठन का सीधा हाथ था। उप्र के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने कहा है कि इस संगठन से जुड़े 25 लोगों को अभी तक पकड़ा गया है।
यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पीएफआई सिमी का नया रूप है, लेकिन यह संगठन जिस रूप में भी सामने आएगा.. हम उसे कुचल देंगे। ऐसे संगठनों को बढ़ने नहीं दिया जाएगा।
19 दिसंबर को लखनऊ में हुई थी हिंसा
लखनऊ के तीन थाना इलाके में हिंसा हुई थी। इस दौरान एक ऑटो चालक की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने पीएफआई के अध्यक्ष वसीम अहमद, कोषाध्यक्ष नदीम, मंडल अध्यक्ष अशफाक को गिरफ्तार किया था। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने इस बात का दावा भी किया था कि लखनऊ में हिंसा का मास्टरमाइंड यही संगठन है। राज्य के कई शहरों में पीएफआई ने भड़काऊ पोस्टर भी लगाए थे।
देश के 13 राज्यों में सक्रिय है पीएफआई
पीएफआई कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है। ये दक्षिण भारत में ज्यादा सक्रिय है। दिल्ली, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल समेत 13 राज्यों में यह काम कर रहा है। पुलिस के मुताबिक, 6 महीने से यूपी में संगठन की गतिविधियां बढ़ गई थीं। झारखंड में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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