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Friday, 8 November 2019

बड़े नेता अस्थायी जेलों में बंद थे; आडवाणी किताबें पढ़ते थे, उमा का दिन पूजा से शुरू होता था

बड़े नेता अस्थायी जेलों में बंद थे; आडवाणी किताबें पढ़ते थे, उमा का दिन पूजा से शुरू होता था
लखनऊ/ललितपुर. 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवकों ने बाबरी ढांचा गिरा दिया था। घटना के बाद दर्ज 2 एफआईआर के आधार पर 8 दिसंबर को लालकृष्ण अडवाणी, विष्णुहरि डालमिया, अशोक सिंघल, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और विनय कटियार को गिरफ्तार कर लिया गया। इसी रात इन्हें ललितपुर के माताटीला गेस्ट हाउस ले जाया गया और वहां बनी अस्थायी जेल में रखा गया। ललितपुर के तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि तब लालकृष्ण आडवाणी का दिन किताबें पढ़ते हुए बीतता था। उमा भारती का दिन पूजा से शुरू होता था और उसी से खत्म होता था।
ओमप्रकाश ने बताया कि जेल में बंद रहने के दौरान 5 जनवरी 1993 को मुरली मनोहर जोशी का जन्मदिन पड़ा, लेकिन आडवाणी ने जेल के नियमों के अनुसार जश्न मनाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने बताया कि नेताओं के लाए जाने की सूचना रात में मिली थी। 9 दिसंबर को जब ये नेता पहुंचे तो करीब एक किलोमीटर तक बैरिकेडिंग की गई थी और आला प्रशासनिक अफसरों ने भी गेस्ट हाउस में ही डेरा डाल दिया था।
आडवाणी ने कहा था- जेल के नियमों के अनुसार ही खाना खाएंगे
ओमप्रकाश ने बताया- जब हमने नेताओं से खाने के इंतजाम के बारे में पूछा तो आडवाणीजी सहित सभी नेताओं ने साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि हम जेल के नियमों के अनुसार ही खाना खाएंगे। ज्यादा जोर देने पर दूध और दही पहुंचाने की बात कही, क्योंकि हर कोई दूध पीता था और दही भी सभी को पसंद था।
दोपहर 12 बजे तक होता था मुलाकात का वक्त
उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं, नेताओं और अन्य मुलाकातियों को 12 बजे तक ही इन नेताओं से मिलने दिया जाता था। लॉन में कुर्सियां लगती थीं। इन पर सभी बड़े नेता बैठते थे। कुर्सियां कम थीं, ऐसे में मुलाकाती और अन्य लोग जमीन पर बैठते थे। आडवाणीका ज्यादातर समय किताबों के साथ बिताया करते थे। मुरली मनोहर जोशी को मालिश कराना पसंद था। उमा भारती का दिन पूजा से शुरू होता था और पूजा के साथ ही खत्म होता था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य रहे महेंद्र बताते हैं कि सभी नेता रोटी, अरहर की दाल या मूंग दाल और हरी सब्जियां खाने में लेते थे। आडवाणीजी के खाने में छाछ और केला भी जरूर रहता था।
दो बार अस्थायी जेल में लगी कोर्ट
1992 में झांसी-ललितपुर सांसद के प्रतिनिधि रहे एडवोकेट प्रेमचंद्र बताते हैं- सभी लोग तकरीबन 31 दिन माताटीला गेस्ट हाउस में रहे। इस दौरान दो बार अस्थायी कोर्ट भी जेल में लगाई गई और उनकी रिमांड पर बहस हुई। 10 जनवरी 1993 को सभी को बेल मिल गई। ओम प्रकाश ने बताया कि कि 5 जनवरी 1993 को मुरली मनोहर जोशी का जन्मदिन पड़ा। उस दिन उनसे मिलने वालों की बहुत भीड़ थी और राष्ट्रीय स्तर के नेता उनसे मिलने पहुंचे थे। लेकिन, आडवाणी ने जेल में बंद होने की वजह से किसी भी जश्न से मना कर दिया था।




Ayodhya dispute: big leaders were lodged in temporary jails


source https://www.bhaskar.com

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