
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस ने चेहरे के साथ पूरी टीम बदल दी। बावजूद उसे उप चुनाव में कोई खास फायदा नहीं हुआ।गुरुवार को उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आए।जिन 11 सीटों पर चुनाव हुए, उनमें से चार सीट 10 साल पहले हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई हैं। बाकी बचीं सात सीटों पर कांग्रेस 20 सालों में महज दो सीट पर इस दौरान जीत हासिल कर सकी है।
इन सीटों पर हुए थे चुनाव
गंगोह, रामपुर, इगलास सुरक्षित, लखनऊ कैंट, गोविंदनगर, मानिकपुर, प्रतापगढ, जैदपुर सुरक्षित, जलालपुर, बलहा सुरक्षित और घोसी सीट पर बीते 21 अक्टूबर को उप चुनाव हुए थे। 2017 के चुनाव में रामपुर में सपा, जलालपुर सीट पर बसपा व प्रतापगढ़ पर अपना दल को छोड़कर बाकी आठ सीटों पर भाजपा का कब्जा था। यह सीटें लोकसभा चुनाव में विधायकों के सांसद बनने के बाद खाली हुई थीं।
गंगोह सीट पर जीत के करीब पहुंच हारी कांग्रेस
साल 2017 के चुनाव में गंगोह सीट पर कांग्रेस रनर रही थी। कांग्रेस ने एक बार फिर पुराने उम्मीदवार नोमान मसूद पर भरोसा जताते हुए उप चुनाव में टिकट दिया था। शुरुआती मतगणना में नोमान ने लीड हासिल कर ली थी, जो अंतिम दौर तक बनी रही। लोगों को लगने लगा था कि, कांग्रेस यहां इस बार भाजपा से सीट छीन लेगी। लेकिन आखिर में भाजपा के कीरत ने सिंह पांच हजार मतों से नोमान को हरा दिया। गंगोह सीट पर भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाई है।
बदले परिसीमन ने यहां कांग्रेस ने जीता था चुनाव
दस साल पहले हुए परिसीमन के बाद लखनऊ कैंट, बलहा, जैदपुर व गंगोह सीट अस्तित्व में सामने आई थीं। इन सीटों पर कांग्रेस ने साल 2012 के चुनाव में लखनऊ कैंट से चुनाव जीता था। तब डॉक्टर रीता बहुगुणा जोशी चुनाव जीतकर विधायक बनीं थीं। लेकिन साल 2019 के चुनाव से पहले डॉक्टर जोशी भाजपा में शामिल हो गई थीं। इस बार भी यहां भाजपा ने कब्जा जमाया है।
20 सालों में यहां जीता चुनाव-
सीट | साल |
इगलास | 2002 |
गोविंदनगर | 2007, 2002 |
source https://www.bhaskar.com
No comments:
Post a Comment