स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट सख्त
कहा - 2 मार्च तक सभी जिलाधिकारियों को देना होगी स्कूली बसों की फिटनेस रिपोर्ट
इसके साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवायी तक प्रमुख सचिव को स्कूली बसों में ट्रैकिंग सिस्टम लगाए जाने की सम्भावना तालाशने को भी कहा है। मामले की अगली सुनवायी 27 मार्च को होगी।
एसिड की बिक्री और वितरण पर रोक को लेकर हाइकोर्ट सख्त, अधिकारियों को दिया प्रभावी तरीके से काम करने का निर्देश
यह आदेश चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस चंद्र धारी सिंह की बेंच ने 'वीद पीपल' संस्था की ओर से वर्ष 2017 में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवायी करते हुए पारित किया।
स्कूली बसों की दुर्घटनाओं को लेकर अदालत ने दिया निर्देश
एक याचिका में स्कूली बसों की हुई दुर्घटनाओं व इनमे बच्चों के घायल व मृत्यु होने के कई मामलों का जिक्र करते हुए स्कूली बसों के नियमित निरीक्षण की मांग की गई है। याचिका पर राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि 20 नवम्बर 2012 को इस सम्बंध में गाइडलाइन बनाते हुए स्कूली बसों के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश पारित किये जा चुके हैं।सिर्फ कागजों पर ही अनुपालन हो रहा है या जमीनी हकीकत भी यही है
कोर्ट ने याचिका में दी गयी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कागजों पर तो सरकार ने काफी काम किया है किन्तु क्या जमीन पर इन दिशानिर्देशों का पालन हो रहा है। कोर्ट ने आगे टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ज्यादातर स्कूली बसों में उक्त दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। इन दिशानिर्देशों के पालन के लिए किसी प्रकार के निरीक्षण के सम्बंध में सरकार की ओर से जानकारी नहीं दी गई है।2 मार्च तक निरीक्षण अभियान पूरा करें
कोर्ट ने कहा कि प्रदेश की हर स्कूली बस का 20 नवम्बर 2012 के दिशानिर्देशों के अनुसार निरीक्षण किया जाए व 2 मार्च तक निरीक्षण अभियान पूरा करके, अगले दस दिनों में सभी जिलाधिकारी अपनी रिपोर्ट प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग को भेज दें, जिसे 21 मार्च तक कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।source https://www.bhaskar.com
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