लखनऊ नगर निगम को ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा हासिल
पर लोगों का दावा- उन्हें शौचालय मिला ही नहीं
लखनऊ नगर निगम क्षेत्र के लोग आधार कार्ड दिखाकर प्रशासन से शौचालय की मांग कर रहे हैं। ऐसा तब हो रहा है, जब एक साल पहले इस नगर निगम को ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा मिल चुका है। निगम के ओडीएफ प्रभारी डॉ. एके राव ने बताया कि ओडीएफ डबल प्लस दर्जे का मतलब है- खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त और जो भी स्लेज निकलता है, वह सीवर में जाना चाहिए।
जहां सीवर नहीं है, वहां मशीन से टैंक खाली कराया जाए। क्षेत्र के एकता नगर में 13 दिन पहले खुले में शौच के लिए गई 11 साल की लड़की से दुष्कर्म का मामला सामने आ चुका है।
पीड़िता की बहन का कहना है कि उन्हें स्वच्छ शौचालय योजना का लाभ भी नहीं मिला है। घर या घर के आसपास सार्वजनिक शौचालय होता तो उसकी बहन से दुष्कर्म नहीं होता। पीड़िता की मां ने भी कहा कि बेटी को खुले में शौच के लिए भेजना उनकी मजबूरी थी। महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा- अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। लोगों को शौचालय के बजाए खुले में जाने की आदत है।
हम अभियान चला कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। लोगों को स्वच्छ शौचालय बनवाने के लिए रुपए दिए, लेकिन उन्होंने नहीं बनवाया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सलाहकार जावेद अहमद का कहना है कि नगर निगम के 20% क्षेत्र में स्वच्छ शौचालय नहीं हैं। यह नगर निगम केंद्र के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल है।
source https://www.bhaskar.com
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