Featured Posts

Breaking

Wednesday, 23 October 2019

लोक गायिका मालिनी अवस्थी की सुरीली आवाज ने बांधा समां, श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

लोक गायिका मालिनी अवस्थी की सुरीली आवाज ने बांधा समां, श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
बारांबकी. मंगलवार को देवा मेला का ऑडीटोरियम विख्यात लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी के अवधी और पारंपरिक गीतों के सुरों से गूंजा। कार्यक्रम में मालिनी अवस्थी ने भजन, लोकगीत, भोजपुरी गीत, छठ गीत और सोहर की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने सूफी गीत 'मोको कहां ढूंढ़े रे बंदे, मैं तो तेरे पास रे' से की।
अवधी संस्कृति से जुड़े गीत भी गाए
उन्होंने अपनी खनकती आवाज में राम जन्म के समय के गीत 'मचल रहीं आज महलन मा दाई' पेश किया, जिस पर लोग झूम उठे। उन्होंने सुहाग गीत 'सिया रानी का अटल सुहाग रहे, राजा राम के सिर पर ताज रहे' गाकर लोगों को मुग्ध कर दिया। इसके बाद सेहरा गीत 'राम पहिरे फूलन को सेहरा' गाकर अवध की संस्कृति से परिचय कराया।
पारम्परिक गीतों से बांधा समां
मालिनी ने अपने सुप्रसिद्ध गीत 'रेलिया बैरन पिया को लिए जाय रे', 'अवध मा धूम मची, घर लौटे हैं रमैया'गीत गाकर लोगों को तालियां बजाकर झूमने पर मजबूर कर दिया। मालिनी ने अनेक पारंपरिक गीतों को एक के बाद एक प्रस्तुत कर समां बांधा। 'अरे जनकपुर में हर्ष अपार, सिया को जन्म भयो', 'बन्ना बुलाए बन्नी नहीं आए'जैसे अवधी के कई पारंपरिक गीतों की भी प्रस्तुति दी।
मालिनी अवस्थी को सुनने के लिए काफी संख्या में श्रोता मौजूद रहे। गीत-संगीत का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ एडीएम संदीप गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया। मेला समिति के सदस्य राय स्वरेश्वर बली, फवाद किदवई सहित काफी श्रोता मौज



देवा मेले में प्रस्तुती देतीं लोक गायिका मालिनी अवस्थी


source https://www.bhaskar.com

No comments:

Post a Comment

आप  https://www.muchtoknow.in   पर जाकर सभी समाचार देख तथा पढ़ सकते हैं I